चौमुखी की मिलेगा नया जीवन : चार हाथ-पैर वाली नवादा की बच्ची पहुंची मुंबई, अभिनेता सोनू सूद खुद करवा रहें हैं इलाज

नवादा

पंकज कुमार सिन्हा
नवादा। प्रसिद्ध अभिनेता सोनू सूद ने फिर से एक बिहारी की मदद की है। सोनू सूद की मदद से चार हाथ पैर वाली बच्ची चौमुखी का मुंबई में इलाज शुरू होने वाला है और वह बच्ची अपने परिवार के साथ मुंबई पहुंच गई है। मुबई पहंचने पर सोनू सूद ने खुद बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात की और जल्द ही चौमुखी की जीवन में ऩई खुशियां आने की बात कही है।

नवादा के वारिसलीगंज के हेमदा गांव के बसंत पासवान की बेटी के जन्म से ही चार हाथ और पैर हैं। गरीबी की वजह से बसंत अपनी बेटी का सही तरीके से इलाज नहीं करवा पा रहे थे। उनके बेटी की इस स्थिति की कहानी सोसल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसके बाद अभिनेता सोनू सूद ने सहायता का आश्वासन दिया था और वहां के परिवार एवं स्थानीय मुखिया से संपर्क किया था। बच्ची चौमुखी की सर्जरी के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने उन्हें मुंबई बुलाया था।

उनके बुलावे पर चार हाथ चार पैर वाली बच्ची चहुमुखी कुमारी अपने माता पिता और पंचायत के मुखिया पति दिलीप रावत के साथ मुंबई पहुंच गयी है। यहां परिवार के लोगों ने एक्टर सोनू सूद से मुलाकात की। मुखिया पति दिलीप रावत ने बताया है कि सोनू सूद ने सभी से मुलाकात की है और बच्ची के इलाज की कवायद शुरू हो गयी है। उन्होंने कहा कि सोनू सूद ने कहा है कि नवादा में एक बेहतर हॉस्पिटल और बच्चों अच्छी पढ़ाई के लिए स्कूल बनाने का आश्वासन दिया है।

दिलीप ने बताया कि सोनू सूद लगातार मेरे संपर्क में थे और बच्ची के इलाज में हर संभव मदद का आश्वासन दे रहे हैं। बच्ची को लेकर आईजीआईएमएस पटना गए थे, लेकिन वहां के डॉक्टर ने कहा कि यह क्रिटिकल केस है, ऐसे में बच्ची का सर्जरी यहां संभव नहीं है। सोनू सूद पीड़ित बच्ची के परिजन से वीडियो कॉलिंग से कहा कि बच्ची को लेकर मुंबई आ जाइए, यहां सब कुछ ठीक हो जाएगा।

जिसके बाद बच्ची को लेकर परिजन मुंबई पहुंच गए हैं और जल्द ही सबकुछ अच्छा होनेवाला है।वहीं पीड़ित बच्ची के मात-पिता ने कहा कि सोनू सूद उनके लिए भागवान की तरह हैं,जो उनकी बच्ची के लिए इतना सबकुछ कर रहें हैं। इस परिवार में 5 सदस्य हैं, जिसमें पीड़ित बच्ची चौमुखी, माता उषा देवी, पिता बसंत पासवान एवं भाई अमित कुमार शामिल है। सिर्फ चौमुखी की बड़ी बहन पूरी तरह से ठीक है। दिव्यांग दंपत्ति मजदूरी कर बच्चों का लालन-पालन कर रहे हैं।