कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। कानपुर शहर के नई सड़क में हुए दंगे के पीछे की साजिश का धीरे-धीरे खुलासा होने लगा है। रोज नए-नए नाम सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक नया नाम सपा के महानगर सचिव निजाम कुरैशी का जुड़ गया है। वह ऑल इंडिया जमीअतुल कुरैशी एक्शन कमेटी का जिलाध्यक्ष भी है।
बताया जा रहा है कि इसने दंगे की जमीन कई दिन पहले ही तैयार कर ली थी। पुलिस ने निजाम कुरैशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। सपा के नगर अध्यक्ष डॉ. इमरान ने बताया कि निजाम कुरैशी समाजवादी पार्टी में महानगर सचिव है l बलवा में नाम आने के बाद अब पार्टी उसे बर्खास्त करने की तैयारी में है। निजाम कुरैशी का समाजवादी पार्टी के तीनों विधायकों के साथ उठना बैठना है। साथ ही समाजवादी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से भी उसके अच्छे संबंध हैं।
योजनाबद्ध तरीके से तीन जून को दंगा कराने की बनाई थी रणनीति : निजाम कुरैशी ने योजनाबद्ध तरीके से तीन जून को दंगा कराने की रणनीति बनाई थी। भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने जिस दिन टीवी की लाइव डिबेट में विवादित बयान दिया था उसके अगले दिन ही निजाम ने बंदी का ऐलान कर दिया था। तीन जून का दिन इसलिए चुना था क्योंकि उसको पता था कि उस दिन कानपुर में देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहेंगे।
अपने मंसूबे को कामयाब बनाने के लिए निजाम ने अपने समुदाय के लोगों के साथ नई सड़क से जुड़े इलाकों चमनगंज, बेकनगंज, बकरमंडी, तलाक महल, दादा मियां के हाते के साथ-साथ रेल बाजार, फेथफुलगंज और पेचबाग में कई बैठकें की थीं। इस दौरान उसने अपनी कमेटी के कई सदस्यों को पूरी रणनीति समझाई और उन्हें बताया कि कब क्या करना है।
निजाम कुरैशी का समाजवादी पार्टी के तीनों विधायकों से अच्छे संबंध हैं।
सोशल मीडिया पर उसकी कई तस्वीरें शहर के तीन सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी, अमिताभ बाजपेई और मोहम्मद हसन रूमी के साथ सामने आयी हैं। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष के साथ भी उसकी कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया में हैं।
साजिश के पीछे का सच : जिस नई सड़क पर हिंसा हुई, उसमें सबसे पहला निशाना चंद्रेश्वर हाता में रहने वाले लोग बने। चंद्रेश्वर हाता में करीब 101 हिन्दू परिवार दशकों से रह रहे हैं। जानकारी के अनुसार कई वर्षों से कई मुस्लिम व्यापारी हाते को खरीदना चाहते हैं लेकिन इसके मालिक इसे बेचने को तैयार नहीं है।
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