बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय : विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर सदर अस्पताल परिसर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ब्लड बैंक के प्रभारी व जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. राम कुमार प्रसाद ने कहा इस रक्तदान शिविर में जिले के युवावर्ग के साथ अन्य लोगों ने भी अपना रक्तदान किया। शाम चार बजे तक 11 यूनिट ब्लड का संग्रह कर लिया गया था।
डॉ. कुमार ने कहा रक्त देने के बाद किसी तरह की कमजोरी, चिड़चिड़ापन या रक्त देने वाले में रक्त की कमी या कई तरह की बीमारियां होने जैसी बातें केवल भ्रांतियां हैं। एक वयस्क पुरुष या महिला हर तीन या चार महीने पर रक्तदान कर सकता है। एक बार के रक्तदान मे दिये गए 350 मिलीग्राम रक्त की कमी रक्तदाता एक महीने मे पूरा कर सकता है लेकिन उसके द्वारा दिया गया रक्त किसी की ज़िंदगी बचा सकता है। साथ ही रक्तदान द्वारा कैंसर , हार्ट डीजीज , वजन इत्यादि को नियंत्रित कर स्वस्थ रहा जा सकता है। रक्तदान करने के बाद नए सेल्स का प्रमोशन होता है। शरीर को नई ऊर्जा मिलती है। इसलिए रक्तदान अवश्य करें।
युवा वर्ग उठाएं ज़िम्मेदारी, लोगों को करें जागरूक
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार ने जिला के सभी रक्तदाताओं को धन्यवाद देते हुये कहा कि रक्तदान सबसे बड़ा दान है जो किसी की ज़िंदगी बचाता है। यदि समुदाय का हर पढ़ा लिखा आदमी व युवा न सिर्फ स्वयं आगे बढ़ कर रक्तदान करें बल्कि समुदाय को भी प्रेरित करें तो अस्पतालों में रक्त की कमी कभी नहीं होगी न ही किसी मरीज को इससे जुड़ी कठिनाइयों का सामना करना परेगा। जरूरमंदों को समय पर खून मिले इसके लिए जरूरी है कि ब्लड बैंकों में खून की उपलब्धता बनी रहे। इसके लिए समय-समय पर रक्तदान करते रहे।
जटिल प्रसव का प्रबंधन होगा संभव
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा जिला सदर अस्पताल में ब्लड कि पर्याप्त मात्रा में उपलवध्ता से संस्थान में होने वाले जटिल प्रसव का प्रबंधन किया जा सकेगा। ब्लड बैंक के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर सभी एनेमिया से ग्रसित गर्भवती महिलाओं और अन्य रोगियों को निशुल्क रक्त उपलब्ध करायी जाती है। इसके लिये उन्हें कहीं भटकने की जरूरत नहीं होगी। यह रक्तदान का एक सकात्मक पहलू साबित हो सकता है।