कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। गत तीन जून को कानपुर में हुई हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने नया खुलासा किया है। जांच में यह बात सामने आयी है कि कानपुर में हिंसा फ़ैलाने के लिए प्रदेश के दूसरे शहरों से अपराधियों को बुलाया गए गया था। संभावना है कि यहां शामिल हुए उपद्रवियों ने बाद में दूसरे शहरों में हिंसा कराने की कोशिश की।
एसआइटी मान रही है कि यह प्रदेश स्तरीय सुनियोजित साजिश है, जिसके अलग-अलग स्थानीय मायने भी हैं। एसआइटी ने उपद्रव के मास्टर माइंड माने जा रहे एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी समेत उसके मुख्य तीन साथियों को 52 घंटे रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ व अन्य मिले इनपुट के बाद एसआइटी किसी बड़ी साजिश की आशंका को पड़ताल में जुट गई है।
सूत्रों के मुताबिक कमिश्नरेट पुलिस को हिंसा से दस दिन पहले सर्विलांस से इनपुट मिल गया था कि बाहरी जिलों के अपराधियों की लोकेशन कानपुर में बढ़ी है। अफसर इसके पीछे किसी बड़ी हत्या की पटकथा मानकर जांच कर रहे थे, मगर अब सामने आया है कि असल खेल उपद्रव के दौरान खूनी हिंसा का था।
एसआईटी की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि हिंसा के दौरान आगे चल रहे उपद्रवियों को शुरुआत करके पीछे हट जाना था, ताकि भीड़ में छिपे डी-टू गैंग के गुर्गे हिंसा कर सकें। मगर, इनका यह प्लान भीड़ में शामिल बच्चों ने खराब कर दिया। वे पीछे नहीं हटे, बल्कि माेर्चा लेकर हंगामा करते रहे। ऐसे में शूटर सीधी गोलियां नहीं चला सके और हवाई फायर करके ही रह गए।
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