नालंदा : आंगनबाड़ी केंद्रों का किया जायेगा सामाजिक अंकेक्षण, जनसहभागिता होगी सुनिश्चित

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बिहारशरीफ/अविनाश पांडेय। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों का सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा। इसको लेकर सभी केन्द्रों पर तैयारी करने का आदेश दे दिया गया है। आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि इसी माह के 20 जून को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाये।

सामाजिक अंकेक्षण में पोषक क्षेत्र के लोग जानकारी देंगे कि इस केन्द्र पर सरकार द्वारा संचालित किस-किस योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उसके बाद उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेजी जाएगी। सामान्य जन की सहभागिता सुनिश्चित करने एवं सरकार के कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु समुदाय द्वारा स्वयं आईसीडीएस द्वारा संचालित योजनाओं का अंकेक्षण सामाजिक अंकेक्षण समिति के माध्यम से प्रत्येक केन्द्र पर कराने का आदेश दिया है।

मिलने वाली योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी देंगे : आंगनबाड़ी केंद्रों का सोशल ऑडिट (सामाजिक अंकेक्षण) कराने की तिथि 20 जून निर्धारित की गई है। इस सोशल ऑडिट में आंगनबाड़ी क्षेत्र के लोग केंद्र पर मिलने वाली योजनाओं के लाभ के बारे में जानकारी देंगे। सोशल ऑडिट को लेकर जिला प्रोग्राम अधिकारी ने सभी केंद्रों पर तैयारी रखने का आदेश दिया है। सरकार ने सामाजिक अंकेक्षण केंद्र अथवा कोई सार्वजनिक स्थल पर करने का आदेश दिया है। सामाजिक अंकेक्षण उस केंद्र पर गठित सामाजिक अंकेक्षण समिति करेगी।

सोशल ऑडिटिंग में योजनाओं की दी जाएगी जानकारी : 20 जून को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामाजिक अंकेक्षण(सोशल ऑडिट ) कार्य होगा। इसके साथ ही पंचायत के विकास मित्र, पंचायत सचिव एवं संबंधित केंद्र के दो चयनित लाभार्थी सदस्य के रूप उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा पोषक क्षेत्र के सभी लाभार्थी भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद मौजूद सभी लोगों को संबंधित पदाधिकारियों के द्वारा आंगनबाड़ी स्तर पर चल रही सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी विस्तारपूर्वक दी जाएगी। इसके साथ ही संबंधित क्षेत्र की महिला पर्यवेक्षिका सभी केंद्रों का भ्रमण कर गतिविधियों की मॉनिटरिंग करेंगी।

इन बिन्दुओं पर होगी चर्चा : आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामाजिक अंकेक्षण में विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की जाएगी। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र संचालन में अनियमितता, बच्चों की उपस्थिति की समीक्षा, माह में कम से कम 25 दिनों तक लाभार्थियों को पूरक पोषाहार, टीएचआर की आपूर्ति की समीक्षा, बच्चों का टीकाकरण एवं पोषक की स्थिति की समीक्षा, कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की समीक्षा, स्कूल पूर्व शिक्षा की क्रियाशीलता की समीक्षा, बाल कुपोषण मुक्त बिहार से संबंधित सामग्रियों की उपलब्धता एवं उनका उपयोग, आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्थापित नियमों के आलोक में उपलब्ध सुविधाओं की समीक्षा (आधारभूत संरचना, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, खेलने की जगह, स्कूल पूर्व शिक्षा किट्स, मेडिसिन किट्स, खाना बनाने एवं खाने हेतु बर्तन आदि सहित) की जाएगी।

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