पुलिन त्रिपाठी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के नाम बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है। पहले ही प्रयास में VL-SRSAM ने लक्ष्य को भेद दिया। यह युद्धपोत पर तैनात की जाने वाली मिसाइल है। वीएलएसआरएसएम हवाई खतरों को नाकाम करने के लिए बनाई गई है।
मिसाइल को नौसेना के युद्धपोत से ओडिसा के चांदीपुर से लॉन्च किया गया। VL-SRSAM एक ऐसा हथियार है जो अपनी ओर आते हुए हर लक्ष्य जैसे विमान आदि को भेदता हुआ आगे बढ़ जाता है। इसे सतह से हवा में मार करने के लिए तैयार किया गया है।
आज के परीक्षण अभ्यास में अपनी ओर तेजी से आ रहे हवाई लक्ष्य को मिसाइल ने बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लिया। मिसाइल की सटीकता और अचूकता का विश्लेषण करने के लिए आईटीआर चांदीपुर की ओर से उपकरण लगाए गए हैं।
इस मौके की तस्वीरें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा सैन्य आधुनिकता में यह मिसाइल मील का पत्थर साबित होगी। परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और रक्षा विभाग के विशेषज्ञ मौके पर मौजूद रहे। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस परीक्षण से एक बार फिर डीआरडीओ की उत्कृष्टता साबित हो गई है।
उन्होंने कहा कि संगठन ने काफी कम समय में अपने नाम काफी उपलब्धियां जोड़ी हैं। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई की डीआरडीओ निकट भविष्य में भारतीय सेना को और भी आधुनिक उपकरणों से लैस करेगा।