मोतिहारी / राजन द्विवेदी । मोतिहारी रेडक्रॉस सोसायटी प्रबंधकारिणी का चुनाव सुर्खियों में है। वहीं जिला प्रशासन अच्छा करने के चक्कर में गलती पर गलती करते जा रहा है। बता दें कि इस चुनाव में नियमों की अनदेखी करते हुए कार्यकारिणी कमेटी भंग करने के साथ राज्य एवं केंद्र की तरह निर्वाचन कराने के कारनामे सर्वविदित हो चुकी है।
रविवार की दोपहर तक हाई लेबल ड्रॉमा के बाद आनन-फानन में जिलाधिकारी ने पूर्व निर्धारित दिन के 1 बजे के समय को अपराह्न 3 बजे निर्धारित करते हुए डॉ. अजय कुमार को छोड़ बाकी 14 निर्वाचित सदस्यों के शपथग्रहण कराने का आदेश जारी किया। फिर अपर समाहार्ता अनिल कुमार एवं एसडीओ सौरभ सुमन यादव ने सदर प्रखंड स्थित सभागार में चौदह सदस्यों का शपथग्रहण कराया। जिलाधिकारी के इस तरह के आदेश की चर्चा पूरे जिले में होने लगी है।
वहीं रेडक्रॉस के कई सदस्यों ने जिलाधिकारी के इस निर्णय पर आश्चर्य व्यक्त किया है। इनमें रेडक्रॉस के प्रत्याशी एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता रामभजन ने कहा है कि यह अचंभित करने वाला निर्णय है। उन्होने बताया कि शनिवार को प्रतिनिधि मंडल डीएम से मिलकर नियमों का हवाला देते हुए आवेदन दिया था। जिसपर डीएम ने राज्य रेडक्रॉस से दिशा निर्देश प्राप्त करने का भरोसा दिलाया।
राज्य रेडक्रॉस अपने भेजे गये दिशा निर्देश व अनुशंसा में डॉ. अजय कुमार को दोहरी मतदाता होने के कारण उनकी जीत को अवैध घोषित करार दिया। जबकि अन्य जीत दर्ज कराए सदस्यों को भी कटघरे मंे खड़ाकर करते हुए नये सदस्यों के नाम जोड़े जाने को लेकर नियमों की अनदेखी की ओर इशारा किया है। राज्य कमिटी ने कहा है कि सदस्यता का अंशदान राशि राज्य एवं केन्द्रीय रेडक्रॉस को नहीं मिला है।
सदस्यता शुल्क से प्राप्त राशि का 30 प्रतिशत अंश राज्य व केन्द्र को भेजा जाता है, लेकिन चुनाव के पूर्व या अबतक उक्त राशि राज्य को नहीं मिला है। इतना नहीं नये सदस्यों का अनुमोदन भी राज्य कमिटी से नहीं कराया गया है। जाहिर है कि वैसे लोगों की सदस्यता एक तरह से अस्वीकृत मानी जायेगी। लेकिन इसमें सारी चीजो को गौण कर डॉ. अजय कुमार को टारगेट किया गया है।
जो निश्चित तौर पर राज्य रेडक्रॉस सहित प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर रहा है। उन्होने कहा कि एक सदस्य की वैधता को अवैध करके बाकी पूरी कमिटी की सदस्यता वैध कैसे न्याय संगत मानी जायेगी ? ऐसे में किस आधार पर बाकी सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया गया। मामले को लेकर हमलोग कोर्ट का दरबाजा खटखटायें। न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी फैसला कोर्ट सुनायेगी। वहीं
दीपक अग्रवाल ने कहा कि डीएम का निर्णय न्यायोचित नहीं है। डीएम को इसमें कानूनविदो से राय लेने की जरूरत थी। लेकिन उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया। राज्य कमिटी के आदेश पर अधिवक्ताओं से वार्ता के बाद ही शपथ ग्रहण की तिथि का निर्धारण करना चाहिए था, परन्तु उन्होने ऐसा करना उचित नहीं समझा। वहीं अरूण यादव ने बताया कि डीएम का आदेश हास्यास्पद है। एक ओर जहां राज्य कमिटी कह रही है कि अंशदान जमा नहीं कराया गया है, ऐसे में नये बनाये गये सदस्य मतदान में कैसे हिस्सा ले लिए। जांच का विषय है।
इस मामले को निगरानी में ले जाया जायेगा। कहा कि इस चुनाव में मापदंड़ो की अवहेलना हुई है। वहीं अरूण यादव ने बताया कि रेडक्रॉस की चुनाव प्रक्रिया में नियमो की अनदेखी हुई है। जिलाधिकारी वैसे सदस्यों को शपथ ग्रहण कराये है, जिनकी जीत ही संदेह की धेरे में है। रेडक्रॉस एक ऐसी संस्था है, जो खून एवं आपदा के समय के लिये जाना जाता है। लेकिन इस बार संपन्न चुनाव ने अबतक के चुनाव को झुठला दिया है। अधिघोषणा के साथ ही यह चुनाव विवादो की घेरे में है।
डीएम जिस आदेश के आलोक में शपथ ग्रहण कराए है, वह भी अचंभित करने वाला है। उन्होने अपने आदेश में अजय कुमार को छोड़ बाकी सदस्यों के शपथ ग्रहण के लिए आपदा नियमो का हवाला दिया है। वहीं जिन सदस्यों की राशि राज्य व केेन्द्रीय रेडक्रॉस को नहीं भेजी गई है, उसे तीन दिनो के अंदर जमा कराने का आदेश दिया है। जो इस बात की पुष्टि कर रहा है कि जिला प्रशासन चुनाव के पूर्व राशि जमा कराने के प्रति संवेदनशील नहीं थी। उन्होने स्थानांतरण एवं अन्य कारणों का हवाला दिया है, जबकि रेडक्रॉस के अन्य कार्यो के संचालन लेन-देन में कही कोई मुश्किल सामने नही आयी। आश्चर्य है कि शपथ ग्रहण के लिए निकाले गये आदेश में डीएम ने अपर समाहार्ता को तीन दिनों के अंदर अंशदान की राशि जमा कराने का आदेश दिया है। जो कही से न्यायोचित नहीं माना जायेगा।
क्या है मामला
रेडक्रॉस चुनाव में 1320 नए मतदाता को अवैध रूप से जोड़ लिया गया। यहां रेडक्रॉस के संविधान का उल्लंघन कर ऐसा किया गया। राज्य को अंशदान दिए बिना मतदान में उन्हे हिस्सा लेने का अवसर प्रदान किया गया। जिसकी चर्चा खूब हो रही है। अहम बात है कि 25 जून तक मोतिहारी रेडक्रॉस शाखा से राज्य मुख्यालय को न तो नए सदस्यों की सूची भेजी गई है और नहीं किस कोटि के सदस्य बनाए गए हैं इसकी जानकारी दी गई है।
साथ ही नए सदस्यों के साथ चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिससे पता चलता है कि इस चुनाव में सभी नियमों को ताक पर रखते हुए चुनाव कराया गया है तथा सभी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए रेडक्रॉस के नेशनल हेड डॉ. विनय बहादुर सिन्हा ने चुनावी प्रक्रिया की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने नए मतदाता बनाए जाने सहित मतदान केंद्रों के निर्धारण, मतदान प्रक्रिया में त्रुटि आदि सभी मामलों की जांच निर्वाचन के नियमानुसार जिला स्तर से कराने का भी आदेश दिया है।
डीएम का ये है आदेश
रेडक्रॉस प्रबंधकारिणी सदस्यों को शपथ ग्रहण के लिए डीएम ने आदेश दिया कि एक सदस्य अजय कुमार को छोड़कर बाकी सदस्यों का शपथ ग्रहण रविवार को अपराह्न तीन बजे सुनिश्चित कराएं। शपथ ग्रहण के बाद जबतक विधिज्ञ राय मिलने तक उपरोक्त कमिटी को वित्तीय अधिकार से वंचित रखा जायेगा। विधि मतंव्य के बाद ही इस दिशा में कार्रवाई की जायेगी।