पटना, बीपी प्रतिनिधि। अग्निवीर योजना पर बिहार की राजनीति और भी गरमा गई है। पहले भी विपक्ष इस योजना के खिलाफ मार्च निकाल कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंप चुका है। अब जब कि बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र चालू है, ऐसे में विपक्ष ने बिना अग्निवीर पर चर्चा के सत्र में भाग लेने से इनकार कर दिया है।
इस बाबत विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी माँग रही है कि सदन में अग्निपथ को लेकर चर्चा होनी चाहिए। अग्निपथ योजना युवाओं के लिए ठीक नहीं है। हम सदन में इस बात की चर्चा करना चाहते थे। लेकिन हमारी माँग को नामंज़ूर कर दिया जा रहा है। राज्य सरकार कह रही है कि यह बिहार का मामला नहीं बल्कि केंद्र का मामला है।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा देश के साथ साथ बिहार का भी है। इस आंदोलन में कई छात्रों पर मामला दर्ज कर लिया गया है। कई कोचिंग सेंटर को परेशान किया जा रहा है। उन पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिन्हें सरकार को वापस लेना होगा।
तेजस्वी ने तंज करते हुए कहा कि अगर अग्निवीर योजना इतनी अच्छी है तो ये सिर्फ सैनिक पर ही क्यों सिविल सेवा में यह नियम लागू होना चाहिए। बड़े अधिकारियों पर भी यह फैसला लागू होना चाहिए।
उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया कि वह सदन में तानाशाह रवैया अपना कर चर्चा नहीं होने दे रही है। हम इसका विरोध कर रहे हैं। हम सदन चलने देना चाहते है लेकिन सत्ताधारी दल सदन चलने नहीं देना चाहते है। तभी तो हमें चर्चा से रोका जा रहा है। अग्निपथ योजना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्टैंड क्या है, यह भी साफ़ होना चाहिए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी सरकार और मुख्यमंत्री पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन मुद्दों पर नीतीश कुमार को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में जब तक हमारी बात को नहीं सुना जा रहा है तब तक हम सदन में नहीं जाएंगे। उन्होंने घोषणा की कि मानसून सत्र का तमाम विरोधी दल सदन का बहिष्कार करेंगे।
कल सदन के सत्र के चौथे दिन पहले हाफ़ में कर्पूरी ठाकुर के मूर्ति के सामने तेजस्वी यादव विरोध स्वरूप धरना देंगे। तेजस्वी ने आगे कहा कि देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने अग्निपथ योजना को लेकर अपनी राय साफ़ की है। अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपनी राय साफ करें।
इसके पहले तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आज विपक्षी नेताओं ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा से मुलाकात की थी। इन लोगों ने सदन में अग्निपथ नीति को लेकर चर्चा कराने की मांग रखी थी। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसे खारिज कर दिया।
यह भी पढ़े..