लखनऊ, स्टेट डेस्क। उत्तर प्रदेश के प्राइवेट कॉलेज अब मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। योगी सरकार ने बीटेक, एमटेक, एमबीए, एअसीए, बी.फार्मा, एम.फार्मा समेत कई कोर्स के लिए अधिकतम फीस निर्धारित के फूल मूड में है।
राज्य सरकार द्वारा गठित प्रवेश और फीस नियमन समिति ने प्रस्तावित फीस का विवरण जारी करते हुए सभी संस्थाओं के इस पर 30 दिन के भीतर आपत्तियां मांगी हैं। यदि संस्थान 30 दिन के अंदर आपत्ति नहीं देते हैं तो सरकार मान लेगी कि उन्हें इस फीस स्ट्रक्चर से कोई दिक्कत नहीं है।
उत्तर प्रदेश प्रवेश और फीस नियम समिति, प्राविधिक शिक्षा विभाग ने चंद रोज पहले जारी आदेश में शुल्क प्रावधानों का उल्लेख करते हुए इसे शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए तय करते हुए विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आपत्ति मांगी है।
समिति के प्रस्ताव में प्रति वर्ष बी फार्मा की 63,300 रुपये, बीटेक की एक साल की फीस 55 हजार रुपये, बीआर्क की 57,730 रुपये, बीएफए की 85,250 रुपए, एमबीए की 59,700 रुपये, एमसीए की 55,000 रुपये तय करने के साथ सभी बी.बोकेशनल कोर्सों की 26,900 रुपए, एमबीए इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों की 25,750 रुपए फीस रखी गई है।