मुजफ्फरपुर/बिफोर प्रिंट। शिवहर की सांसद सह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सम्बंधी स्थाई समिति की समाप्ति रमा देवी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर पूर्व सांसदों एवं विधायकों को दिए जाने वाले पेंशन एवं भत्ते ( मेडिकल एवं परिवहन सुविधा छोड़ कर ) को बंद करने हेतु प्रावधान में संशोधन करने का सुझाव दिया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि पूर्व में •यूपीए सरकार द्वारा नियम में संशोधन करते हुए यह प्रावधान किया गया था कि यदि कोई एक दिन के लिए भी किसी सदन का सदस्य बन जाये तो उन्हें आजीवन पेशन एंव अन्य सुविधाएं दी जायेंगी। साथ ही यदि कोई व्यक्ति विधानसभा, विधान परिषद के साथ-साथ लोकसभा एव राज्यसभा दोनों सदनों के सदस्य रहे हों तो वे दोहरी पेंशन के हकदार होंगे तथा पूर्व सदस्य के मृत्यु के उपरांत उनके आश्रित पति या पत्नी को आजीवन पेंशन की आधी राशि देने का प्रावधान है।
पत्र में उन्होंने उल्लेख कियि है कि आज कोविड–19 वैश्विक महामारी ने अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव डाला है ,जिससे लोग अभी भी जूझ रहे है। ऐसी परिस्थिति में माननीय सदस्यगणों को दिये जाने वाले पेंशन मद के लिए सरकार के उपर सैकड़ों करोड़ की अतिरिक्त राशि का बोझ बढ़ जाता है। जिसको बंद करने की समय-समय पर जनता द्वारा मांग की जाती रही है। उन्होने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी सोच का हवाला देते हुए पत्र में लिखा है कि उनके नेतृत्व में आज देश में कई ऐतिहासिक एव सुधारात्मक कार्य हुये है, देशवासियों कोउ नसे काफी अपेक्षाएं है। उनके आह्वाहन पर देश की जनता ने मिलने वाली कई तरह की सब्सीडी का त्याग किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार आज देश के अधिकांश सदस्यगण करोड़पति एंव अरबपति है, जिन्हें सही मायने में पेंशन की आवश्यकता नही होनी चाहिए। उन्होने पत्र में लिखा है कि ऐसी स्थिति में उनका सुझाव है कि माननीय पूर्व सांसद, विधानसभा सदस्य एंव विधान परिषद सदस्यगण को दिये जाने वाले पेंशन और भत्ते (मेडिकल व परिवहन सुविधा को छोड़कर) बंद करने हेतु प्रावधान में संशोधन होनी चाहिए और इनसे होने वाली बचत की राशि से देश में आम वृद्धजनों को दिये जाने वाली वृद्धापेंशन की राशि में महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी किये जाने से देश के नागरिकों में एक सकारात्मक संदेश जायेगा।