Presidential Election 2022 : देश भर में राष्ट्रपति चुनावों के लिए वोटिंग कल, जानिए यूपी का गणित

लखनऊ

स्टेट डेस्क। देश के नये राष्ट्रपति के चुनाव की सरगरमियां तेज हैं. इसके लिए 18 जुलाई को वोटिंग होनी है. 21 जुलाई को इसका रिजल्ट आएगा. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष से यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. दोनों उम्मीदवार अपने-अपने पक्ष में वोट देने के लिये राज्यों का दौरा कर रहे हैं. लेकिन कैसे पड़ेगा वोट, क्या है राष्ट्रपति पद के चुनाव का गणित, यह भी जानना बहुत जरूरी है.

राष्ट्रपति चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राज्यों में समर्थन जुटाने के दांव-पेंच तेज हो गए है. यूपी में बीजेपी और सपा दो महत्वपूर्ण दल है. इसके अलावा बीएसपी और कांग्रेस हैं. लेकिन विपक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी ही है. इसलिए यह सपा का कितना वोट राष्ट्रपति पद के दावेदार यशवंत सिन्हा को जाएगा.

जानें सांसदों-विधायकों के वोट की वैल्यू
यूपी में एक विधायक के वोट की वैल्यू 208 है. जबकि एक सांसद की वोट की वैल्यू 700 है. यूपी में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)के कुल 1,19,084 है. इसे अलग-अलग करें तो देखेंगे कि लोकसभा में बीजेपी गठबंधन के 64 सांसद हैं. इनकी कुल वोट वैल्यू 44,800 है. इसी तरह राज्यसभा सांसदों की संख्या 25 है. इस तरह इनके वोट वैल्यू 17500 होती है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा में बीजेपी गठबंधन के 273 विधायक हैं. एक विधायक के वोट की वैल्यू 208 है. इस तरह कुल 56,700 वोट विधायकों के होते हैं.

सपा और रालोद ने दिया यशवंत सिन्हा को समर्थन
वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के 111 विधायक हैं. इनमें से एक शिवपाल यादव भी है, जो कि द्रौपदी मुर्मू को वोट देने की घोषणा कर चुके हैं. ऐसे सपा के पास 110 विधायकों के ही वोट बचे हैं. ऐसे में सपा के विधायकों की वोट वैल्यू 22800 होगी. लोकसभा में सपा के तीन सांसद हैं. 700 वोट वैल्यू के हिसाब से कुल 2100 वोट होते हैं. राज्यसभा में सपा के आठ सांसद हैं. इनके वोट की वैल्यू होती है 5600. ऐसे में सपा के कुल वोट वैल्यू 30,500 होती है.

सपा के साथी दल रालोद भी उनके साथ यशवंत सिन्हा को वोट देंगे. रालोद के 8 विधायक और 1 राज्यसभा सांसद है. ऐसे में उनके विधायकों के वोट की कुल वैल्यू 1664 और राज्यसभा सांसद के तौर पर जयंत चौधरी के वोट की वैल्यू 700 होगी. ऐसे में रालोद के कुल वोट की वैल्यू 2364 होगी. इस तरह यूपी से विपक्ष के वोट की वैल्यू 32864 होगी.

ओम प्रकाश राजभर नाराज
सपा की अपने गठबंधन दल सुभासपा के साथ इन दिनों ठनी हुई है. सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर लोकसभा चुनाव के बाद से अखिलेश यादव पर हमलावर हैं. यशवंत सिन्हा के लखनऊ पहुंचने पर भी समाजवादी पार्टी की तरफ से ओम प्रकाश राजभर को कोई औपचारिक बुलावा नहीं आया था. इससे ओम प्रकाश राजभर नाराज थे.

शिवपाल यादव ने की द्रौपदी मुर्मू को समर्थन की घोषणा
शुक्रवार को द्रौपदी मुर्मू के डिनर में ओम प्रकाश राजभर के पहुंचने की चर्चा है. सुभासपा के पास 6 विधायक हैं. यह विधायक किसके पक्ष में वोट देंगे, अभी इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है. माना जा रहा है कि ओम प्रकाश राजभर एनडीए के साथ जा सकते है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने आधिकारिक रूप से द्रौपदी मुर्मू को वोट करने की घोषणा कर दी है. इसे एनडीए की सफल रणनीति माना जा रहा है, लेकिन राजनीति को समझने वालों का कहना है कि अखिलेश यादव के अड़ियल रवैये के कारण बीजेपी को लगातार सफलता मिल रही है.

बीएसपी एनडीए प्रत्याशी के साथ
बीएसपी के यूपी विधानसभा में एक विधायक है. जबकि लोकसभा में 10 सांसद हैं. बीएसपी पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन की घोषणा कर चुकी हैं. यदि क्रॉस वोटिंग नहीं होती है बसपा का वोट एनडीए राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के खाते में जाएगा. कांग्रेस की एक विधायक अराधना मिश्रा मोना हैं. जो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी की बेटी हैं. जबकि दूसरे वीरेंद्र चौधरी हैं, जो महाराजगंज जिले की फरेंदा सीट से विधायक हैं. वहीं रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी हैं.

यूपी में कहां होगा मतदान?
धिकारी बृजभूषण दुबे ने कहा कि उप्र विधानमंडल के तिलक हॉल में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतपत्र के माध्यम से मतदान होगा और इसके लिए तीन मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं. दिल्ली से आई दो मतपेटियों को 18 जुलाई को ही मतदान पूरा होने के बाद वापस दिल्ली भेज दिया जाएगा.

दुबे ने कहा कि मतों की गिनती 21 जुलाई को दिल्ली में होगी. पीठासीन अधिकारी ने यह भी बताया कि मतदान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जाएगा और चुनाव के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक और उप महानिरीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव से संबंधित सभी निर्देश और चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश भी विधायकों को भेजे गए हैं.