कृषि कालेज, डुमरांव के युवा वैज्ञानिक डा.प्रकाश सिंह की कड़ी मेहनत लाया रंग।
भारत सरकार के कृषि सह किसान कल्याण मंत्रालय नें धान की नई प्रजाति सबौर ‘हीरा‘ को अधिसूचित करने का लिया निर्णय।
बदलते जलवायु के बीच समन्वय बैठा उपज को बढ़ाएगा ‘हीरा‘।
बक्सर, विक्रांत। बिहार कृषि विश्व विद्यालय की अंगीभूत इकाई डुमरंाव स्थित वीर कुंवर सिंह विश्व विद्यालय कृषि कालेज के युवा विज्ञानी डा.प्रकाश सिंह द्वारा धान की नई प्रजाति सबौर ‘हीरा‘ को भारत सरकार के कृषि मंत्रालय सह किसान कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली ने मान्यता प्रदान करते हुए अधिसूचना जारी करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। बदलते जलवायु के बीच समन्वय बैठाते हुए हीरा उत्पादन को बढ़ावा प्रदान करेगा। अब देश के किसान धान के इस प्रभेद के माध्यम से सामान्य धान की तुलना में डेढ़ गुणा उत्पादन का लाभ उठाएंगे। गत 17 जून, 22 को विडियो कंफ्रेंस के माध्यम से भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र के सामान्य उप निदेशक डा.टी.आर.शर्मा की अध्यक्षता में आहूत बैठक मेें विभिन्न प्रांतो के करीब 46 मशहूर विज्ञानियों ने भाग लिया।
इस बैठक के उपरांत बाद भारतीय अनुसंधान केन्द्र से जुड़े विज्ञानियों द्वारा सर्व सम्मति से धान की नई प्रजाति हीरा को व्यवसायिक दृष्टि से आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के लिए अधिसूचना जारी करने का प्रस्ताव पारित किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान हाला कि उत्पादन के लिए धान की इस नई प्रजाति हीरा के रोपण को लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा एवं पश्चिम बंगाल के किसानों ने रूचि दिखाई है। कृषि विज्ञानी डा.प्रकाश सिंह नें बताया कि रूचि दर्शानें वाले विभिन्न प्रांतो के किसानों को बिहार कृषि विश्व विद्यालय, सबौर एवं वीर कंुवर सिंह कृषि कालेज,डुमरांव ने हीरा धान की बीज उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। किसानों के बीच हीरा धान के बीज की बिक्री शुरू हो चुकी है।
‘हीरा‘में सामान्य प्रजाति से धान उत्पादन क्षमता डेढ़ गुणा अधिक कृषि विज्ञानी डा.सिंह ने बताया कि नई किश्म हीरा का उत्पादन क्षमता सामान्य धान की प्रजाति की तुलना में डेढ़ गुणा अधिक है। नई किश्म हीरा का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 70 से 80 क्ंिवटल होता है। इसके चावल के दाने नाटा मंसूरी की भांति होते है। हीरा धान के पौधों में किसी तरह के रोग एवं कीट प्रतिरोधक क्षमता अधिक होता है। हीरा धान का पौधों का तना भी अधिक मजबूत होता है। इसके धान की बाली से चावल की मात्रा 70 प्रतिशत तक निकलता है।
बिहार कृषि विश्व विद्यालय के कुलपति का कथनः भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा सबौर धान की नई प्रजाति हीरा को अधिसूचित करने के प्रस्ताव की खबर से विश्व विद्यालय प्रशासन प्रसन्न है। युवा विज्ञानी डा.प्रकाश की मिहनत ने बिहार कृषि विश्व विद्यालय को गौरवान्वित किया है।धान की नई प्रजाति सबौर ‘हीरा‘ को देश स्तर पर पहचान मिली है-डा.अरूण कुमार, कुलपति, बिहार कृषि विश्व विद्यालय, सबौर।
कृषि महाविद्यालय के प्राचार्य का कहनाःभारत सरकार के कृषि सह किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा धान की नाई प्रजाति हीरा को अधिसूचित करने के पारित प्रस्ताव की खबर से महाविद्यालय परिवार गौरवान्वित महसूस करता है।गत 10 सालो के अंदर कृषि कार्य के क्षेत्र में महज प्रांत स्तर पर पहचान व सफलता मिलपाई थी। पर इस बार नेशनल स्तर पर कृषि कालेज,डुमरांव को सोहरत प्राप्त हुई है-डा.रियाज अहमद, प्राचार्य, वीर कुंवर सिंह कृषि कालेज,डुमरांव।