कानपुर, बीपी प्रतिनिधि। कानपुर में ठेकेदार को जिंदा जलाने के आरोप में जेल भेजे गए बिल्डर शैलेंद्र श्रीवास्तव व उसके मुंशी राघवेंद्र तिवारी से पुलिस अफसरों ने बुधवार देर रात तक पूछताछ की। दोनों में से किसी ने भी वारदात नहीं कबूली। वह एक बात कहते रहे कि ठेकेदार राजेंद्र ने खुद ही आग लगा ली। हम लोगों ने नहीं जलाया। फिलहाल पुलिस हत्या के बिंदु पर विवेचना कर रही है। अगर कोई अन्य साक्ष्य मिलते हैं तो उनकी भी गहनता से छानबीन करेगी।
वारदात के तुरंत बाद ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। चकेरी थाने में डीसीपी पूर्वी और एसीपी कैंट ने कई घंटे तक उनसे पूछताछ की। शुरुआत में दोनों ने राजेंद्र से मारपीट की बात कबूली लेकिन बाद में वह उससे भी मुकर गए। शैलेंद्र ने पूछताछ में बताया कि वह और उनका पूरा परिवार घर के भीतर था। वह खुद पूजा कर रहे थे। तभी चीखने की आवाज सुनाई दी। जब वह बाहर आए तो देखा कि राजेंद्र आग की चपेट में हैं। इसलिए तत्काल पुलिस को सूचना दी। इसके आगे शैलेंद्र ने कुछ नहीं बताया। यही बात दोहराता गया।
सांसें थमने से पहले राजेंद्र ने बयान दिया था। पुलिस ने उसका वीडियो बनाया था, जिसमें वह शैलेंद्र व राघवेंद्र पर आग लगाने का आरोप लगाते सुनाई दे रहे हैं। पुुलिस ने यह वीडियो आरोपियों को दिखाया, तो वे राजेंद्र को ही झुठलाते रहे। खुद को निर्दोष बताया।
राजेंद्र के शव का गुरुवार को पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक राजेंद्र का 99 फीसदी शरीर जल गया था। मल्टी ऑर्गेन फेल होने के साथ कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल हो गई थी, जिसकी वजह से न्यूरोजेनिक शॉक लग गया था। इससे उनकी मौत हुई। डॉक्टर ने विसरा भी सुरक्षित किया है, क्योंकि पुलिस को जानकारी दी गई थी कि राजेंद्र शराब के नशे में थे। बिसरा जांच रिपोर्ट से इसकी पुष्टि होगी कि वह नशे में थे या नहीं।
आरोपी बिल्डर और मुंशी भेजे गए जेल
ठेकेदार को जिंदा जलाकर मारने वाले आरोपी बिल्डर और उसके मुंशी को पुलिस ने गुरुवार दोपहर कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाए हैं। मरने से पहले ठेकेदार ने जो बयान दिया है। पुलिस ने सबसे अहम साक्ष्य उसी को बनाकर कोर्ट में पेश किया। पुलिस अब तफ्तीश कर रही है कि क्या वारदात में किसी और की भूमिका है या नहीं।
डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान राजेंद्र ने बयान दिया था, जिसमें कहा था कि शैलेंद्र व राघवेंद्र ने उनको जलाया है। यह बयान पुख्ता सुबूत है। इसका वीडियो भी है। घटना स्थल आरोपी का घर है। ये सभी सुबूत जांच में शामिल किए गए हैं। उसी आधार पर आरोपियों को जेल भेजा गया है।
बिल्डर के साम्राज्य पर चले बुलडोजर
पीड़ित परिवार से मिलने के लिए मोर्चरी में पूर्व मंत्री व पाल समाज के पदाधिकारी सतीश पाल पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि बहुत ही विभत्स घटना है। दोषियों को फांसी होनी चाहिए। बिल्डर का बड़ा अवैध साम्राज्य है। वह शासन प्रशासन से शिकायत करेंगे कि उसपर बुलडोजर चले।