कानपुर : मंत्री राकेश सचान से उद्यमियों ने कानपुर देहात का नाम बदलने की फिर उठाई मांग

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कानपुर/ बीपी प्रतिनिधि। कानपुर देहात में औद्योगिक विकास की संभावनाएं ज्यादा हैं, यहाँ अधिक जमीन भी मौजूद है। वही इसी बीच अब कानपुर देहात से हटाकर कानपुर ग्रेटर किया जाए जिससे बाहर मौजूद उद्यमी कानपुर ग्रेटर के नाम से उसकी छवि बना सकें। रविवार को यह बात प्राविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के सूक्ष्म, लघु, मध्यम व निर्यात प्रोत्साहन मंत्री राकेश सचान से कही।

किदवई नगर स्थित मंत्री के आवास पर पदाधिकारियों ने कहा कि कानपुर देहात का नाम सुनते ही किसी पिछड़े जिले की छवि बनती है। जब वह कानपुर से जुड़ा हुआ है और उसकी विकास की संभावनाएं भी हैं तो उसे कानपुर ग्रेटर नाम दिया जाए। उनके मुताबिक कानपुर देहात नाम होने की वजह से बड़े अधिकारी भी वहां आने से बचते हैं क्योंकि तैनाती स्थल का नाम कानपुर देहात होते ही अधिकारी भी बचना चाहते हैं। अगर यह कानपुर ग्रेटर होगा तो अधिकारी भी वहां जाने पर अजीब सा अनुभव नहीं करेंगे और वे वहां कार्य करने को उत्सुक भी होंगे।

कानपुर देहात नाम से अत्यन्त पिछड़ा जिला प्रतीत होता है जबकि दो हजार से भी ज्यादा छोटे-बड़े उद्योग यहां हैं। यहां रनिया जैनपुर ग्रोथ सेंटर भी है। कानपुर विकास प्राधिकरण की सीमा भी माती तक आ चुकी है। सड़क मार्ग एनएच 19, एनएच 27 से जुड़े होने के साथ-साथ झांसी व हावड़ा दिल्ली दोनो मेन रेल लाइन इस क्षेत्र से गुजर रही हैं। हाल में शुरू हुआ बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे भी इसके लिये वरदान साबित होगा । नाम बदलने के पीछे सबसे बड़ा नोयडा फिर ग्रेटर नोयडा है जो अग्रणी होने का एहसास दिलाता है।

राकेश सचान ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखेंगे। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात के विकास के लिए यह अच्छा सुझाव है। इस दौरान प्रांतीय अध्यक्ष मनोज बंका, महामंत्री मिथलेश गुप्ता, निखिल कपूर, ब्रजेश अवस्थी, निखिल कपूर, सूर्यभान पटेल, राम प्रताप यादव, प्रवीण शर्मा, नरेश चंद्र गुप्ता, रमेश, नयन अग्रवाल, प्रवीण अग्रवाल रहे।