स्टेट डेस्क : मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की लोक भवन में बैठक हुई. यूपी कैबिनेट की इस बैठक में 9 प्रस्तावों को मंजूरी मिली. बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी है. ऐसे में अब योगी सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को 1200-1200 रुपये देगी. फिलहाल सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को दो जोड़ी यूनिफार्म के लिए 600 रुपये, स्कूल बैग के लिए 170 रुपये, जूते-मोजे के लिए 125 रुपये और स्वेटर के लिए 200 रुपये दिए जाते हैं.
इस तरह से कुल 1100 रुपये सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं, जिसमें 600 रुपये केंद्र सरकार और 500 रुपये राज्य सरकार अपने बजट से देती है. अब इसे योगी सरकार बढ़ा कर 1200 कर दिया है, इससे 1 करोड़ 90 लाख बच्चों को लाभ होगा. आइये बेसिक शिक्षा विभाग के पास हुए प्रस्ताव संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं.
योगी कैबिनेट की बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी मिली. योगी सरकार प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को 1200-1200 रुपये देगी. डीबीटी के माध्यम से छात्र छात्राओं के अभिभावकों के खाते में राशि भेजी जाएगी. प्रदेश में कक्षा 1 से 8 तक के 1 करोड़ 91 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ मिलेगा. फिलहाल सरकार परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को प्रति छात्र 1100 रुपये दे रही है. यह राशि यूनिफॉर्म, जूते, मोजे, स्वेटर और स्कूल बैग के लिए दी जाती है. अब इसे बढ़ाकर 1200 किया गया है.
अब बच्चे बढ़ी 100 रुपये की रकम से स्टेशनरी जैसे पेंसिल, शार्पनर, इरेजर, कॉपी भी ले सकेंगे. बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि इस योजना में कुल 2,225.60 करोड़ का खर्च आएगा. अगस्त के पहले हफ्ते में बड़ा समारोह होगा, जिसमें सीएम योगी खुद डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में रकम भेजेंगे. अभी तक सिर्फ अभिभावकों के आधार कार्ड का वेरिफिकेशन होता था, लेकिन अब बच्चों के आधार कार्ड का भी वेरिफिकेशन कराया जा रहा है.
इन स्कूलों में अब तक नामांकित 1 करोड़ 91 लाख छात्र-छात्राओं में से 1 करोड़ 41 लाख के आधार वेरिफिकेशन हो चुके है. इससे योजना में अब फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं रहेगी. सरकार का कहना है कि यूनिफॉर्म, जूते, मोजे, स्कूल बैग, स्वेटर और स्टेशनरी देना वचनबद्ध देयता है. ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि वित्त विभाग हर साल केन्द्र का इंतजार किए बिना इस मद की धनराशि की अग्रीम मंजूरी की अनुमति देगा, जिससे बच्चों को समय से यूनिफॉर्म और स्टेशनरी मिले.