बीपी डेस्क। पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्री पद से हटा दिया है. ईडी की गिरफ्तारी के बाद से पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटाए जाने की मांग उठ रही थी. इस बीच आज ममता बनर्जी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई. इस बैठक के कुछ ही देर बाद मंत्री पद से हटाए जाने संबंधी आदेश जारी किया गया. पार्थ चटर्जी ममता बनर्जी की सरकार में उद्योग, कॉमर्स एंड इंटरप्राइजेज, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक मंत्री थे. ये विभाग फिलहाल खुद ममता बनर्जी देखेंगी.
सीएम ममता बनर्जी का बयान
मंत्री पद से हटाए जाने पर सीएम ममता बनर्जी ने बयान दिया है. औद्योगिक प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि एक लड़की के यहां से पैसा बरामद हुआ और वे इसे लगातार दिखा रहे हैं. मैंने उन्हें (पार्थ को) हटा दी है क्योंकि मेरी पार्टी बहुत सख्त है. अगर किसी को लगता है कि यह दिखाकर वे धारणा बदल सकते हैं तो वे गलत हैं. ये खेल बहुत बड़ा है. मैं अभी नहीं बताऊंगी.
उन्हें केद्रीय एजेंसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी से ठीक पहले एजेंसी ने अर्पिता मुखर्जी के आवास से करीब 21 करोड़ रुपये बरामद किए थे. अर्पिता मुखर्जी टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी की करीबी हैं. ईडी ने बुधवार को भी मुखर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान 29 करोड़ रुपये कैश जब्त किए गए. एजेंसी ने कई प्रॉपर्टी के कागजात और तीन किलो सोना भी जब्त किया है.
सरकारी स्कूलों और सहायता प्राप्त स्कूलों में हुए कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के वक्त पार्थ चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था. बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया था. प्रवर्तन निदेशालय स्कूल सेवा आयोग द्वारा की गई शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहा है.