कानपुर, भूपेंद्र सिंह। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से किनारे किए गए पूर्व सीओओ और डा.गौरहरि सिंहानिया क्रिकेट अकादमी के सीईओ ने अपने पुत्र और उसके सहयोगियों के लिए सारे नियमों को ताख पर रख दिया। यही नही अकादमी के सीईओ ने पूर्व खिलाडियों के नाम पर आयोजित किए गए ओ लेबल प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश से बाहर के खिलाडियों व स्कोरर के साथ चयनकर्ताओं को भी प्रमाण पत्र बांट दिए। इसके लिए उन्होंने प्रदेश क्रिकेट संघ का लैटर हैड भी प्रयोगकर लोगों को धोखे में रखने का प्रयास किया। यूपीसीए से मिली जानकारी के मुताबिक इस प्रकरण के चलते कई पदाधिकारी पूर्व सीओओ से खासे नाराज भी हो गए हैं और आलाकमान को इसकी शिकायत करने का भी संकल्प ले लिया है।
गौरतलब है कि जुलाई महीने की दूसरे सप्ताह 8 से 10 के बीच में डा.गौर हरि सिंहानिया क्रिकेट अकादमी के सीइओ दीपक शर्मा ने पूर्व खिलाडियों के लिए ओ लेबल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया था लेकिन वह प्रदेश क्रिकेट संघ के बैनर तले चलाया गया। दीपकशर्मा के पुत्र पार्थ शर्मा जो कि पूर्व रणजी खिलाडी भी उन्हीे के कार्यकाल में रहे हैं उनकी अकादमी के लगभग 6 से 7 सदस्यों को प्रमाण पत्र बांट दिए। दीपकशर्मा ने इस आयोजन में प्रदेश क्रिकेट संघ का पैसा खर्च किया।
यही नही उन्होंने संघ के बजट से ही वक्ता व प्रशिक्षक के तौर पर आए मेहमानों का भी खर्च वहन करने में कोताही नही बरती। बतातें चलें कि इस प्रशिक्षण शिविर में कई नाम ऐसे रहे जिन्होंने कभी भी प्रदेश क्रिकेट टीम में पदार्पण तक नही किया। प्रदेश के अलावा देश के अन्य हिस्सों से आए सदस्यों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र बांट दिए गए जिससे यूपी प्लेयर्स एसोसिएशन के सदस्यों में खासी नाराजगी है। यूपीसीए के पूर्व सीओओ दीपक शर्मा और वर्तमान सीईओ अंकित चटर्जी के बीच इस मामले को लेकर थोडे मतभेद भी सामने नजर आ रहे हैं।
वर्जन-जब भी कोई प्रशिक्षण शिविर या अन्य किसी गतिविधियों को अंजाम देना हो तो सही व्यक्ति ही उस कार्य को सम्पादित करे तो ठीक रहता है। अकादमी के लिए आयोजित प्रशिक्षण शिविर में प्रदेश क्रिकेट संघ की किसी भी ईकाई का प्रयोग अचम्भित करने वाला है। प्रदीप गुप्ता–सचिव- यूपीसीए।