पटना, प्रतिनिधि। पूर्व सांसद अरुण कुमार को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। ये सजा उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की छाती तोड़ देने वाला बयान देने को लेकर सुनाई गई है। जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरुण एसीजेएम कोर्ट अरुण कुमार को आईपीसी की धारा 353 ए और 505 के तहत दोषी पाया और उन्हें तीन साल की के साथ साथ उन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता संजय कुमार ने बताया कि दोनों धाराओं में पूर्व सांसद को कारावास की सजा दी गई है।
ध्यान रहे कि 2015 में रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष और जहानाबाद के तत्कालीन सांसद डॉ. अरुण कुमार ने कहा था ‘नीतीश कुमार अनंत सिंह जैसे दर्जनों लोगों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं और फिर अपना काम निकल जाने के बाद उन्हें उन जैसे लोगों की जरूरत नहीं होती। नीतीश कुमार को समझ लेना चाहिए कि ये कौम चूड़ियां पहनकर नहीं बैठी। यह नीतीश कुमार की छाती भी तोड़ सकती है।’ हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान से यू टर्न लेते हुए इस बयान को जुमला बताते हुए कहा था कि उनका मतलब उनका घमंड़ तोड़ने से था। अरुण कुमार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि वो तो हमेशा उपलब्ध हैं, उन्हें जो करना है कर लें।
वहीं नेताओं के बारे में अनर्गल टिप्पणी करने के मामले में अदालत ने मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव को बरी कर दिया। कांग्रेस नेता डॉ. चंद्रिका प्रसाद यादव ने साल 2015 में दोनों के खिलाफ स्थानीय अदालत में परिवाद दायर किया था। परिवाद में डॉ. यादव ने आरोप लगाया था कि अरुण कुमार और पप्पू यादव का बयान अमर्यादित है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।