योगी सरकार ने इलाहाबाद HC और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक सरकारी वकीलों को किया बर्खास्त

लखनऊ

स्टेट डेस्क। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसमें पांच नगर पंचायत व नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार संबंधी नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। दुकानों प्रतिष्ठानों का वनटाइम रजिस्ट्रेशन संबंधी श्रम विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। इसकी तहत फीस बढ़ाने का प्रावधान है।

इसके अलावा औद्योगिक विकास विभाग, लोक निर्माण, ऊर्जा, बेसिक शिक्षा, वित्त विभाग समेत कई विभागों के प्रस्ताव रखे जाएंगे। कनक भवन, दशरथमहल, रामवल्लभाकुंज, मणिराम छावनी, रामहर्षण कुंज, जानकी महल, कौशलेश सदन, सियाराम किला, लक्ष्मणकिला, हनुमत निवास, हनुमत सदन, हनुमत भवन, हरेराम सदन, बावन मंदिर व हनुमंत किला गहोई मंदिर में झूलनोत्सव शुरू हो गया है।

मंदिरों के झूलनोत्सव में बहुधा दिखता है, जहां एक ओर विराजमान भगवान और उनके स्वरूप युगल सरकार रूप में झूले पर शोभायमान हैं तो दूसरी ओर लोकनर्तक सखियां नृत्य पेश कर रही हैं।

पहाड़ों पर हो रही बारिश से मैदानी क्षेत्रों में आफत बरसनी शुरू हो गई है। वेस्ट में सबसे ज्यादा असर बिजनौर जिले में है, यहां रावली गांव के आसपास बाढ़ जैसे हालात हैं। बुलंदशहर में भी जलस्तर बढ़ा है। उधर, बागपत में यमुना के उफान पर आने से लाखों रुपये की सब्जी की फसल बर्बाद हो गई है। हापुड़, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर में अभी राहत है।

वहीं दूसरी ओर यूपी की योगी सरकार ने इलाहाबाद HC और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक सरकारी वकीलों को बर्खास्त कर दिया है। इसके बाद नए वकीलों को मौका मिलेगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया। आपको बता दें कि सरकारी वकीलों की नियुक्ति केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिल कर करती है।

वकीलों की नियुक्ति कौन सरकार करेगी वो इस बात पर निर्भर होगी के आप कौन से कोर्ट में वकालत करना चाहते हैं, उच्च न्यायालय में या जिला स्तर के न्यायलय में। उच्च न्यायलय में सरकारी वकीलों की नियुक्ति, उस स्टेट की गवर्नमेंट और केंद्र की सरकार द्वारा, उच्च न्यायालय से विचार और परामर्श करने के बाद किया जाता है। वहीं जिला न्यायालय में वकीलों की नियुक्ति स्टेट की गवर्नमेंट द्वारा की जाती है।

सरकारी वकील कौन से कार्यों के लिए जिम्मेदार
-पुलिस द्वारा फाइल की हुई चार्ज शीट का विश्लेषण करना।
-एक सरकारी वकील नागरिक और आपराधिक दोनों मामलों को देखता है।
-एक्चुअल ट्रायल से पहले Pre-trial प्रोसेस को कंडक्ट करना, ताकि पुलिस द्वारा फाइल की हुई FIR और सबूतों का इन्वेस्टीगेशन सही से हो सके।
-कोर्ट में केस से संबंधित सभी तथ्यों को सामने रखना।
-केस के गवाहों की कोर्ट में पेशी करना और सभी सबूतों को न्यायधीश के सामने रखना।
-उचित निष्कर्ष तक पहुंचने में कोर्ट जज का सहयोग करना।
-स्टेट गवर्नमेंट का बचाव करना कोर्ट में।