- नीतीश के शासन में प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में कई प्रतिमान गढ़े गये
सुगौली, मृत्युंजय पाण्डेय। सुगौली जद यू शिक्षा प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश सचिव ई.राजेश पांडेय ने बयान जारी करते हुए बताया कि, राजद के कार्यकाल में 15 साल तक बिहार में घोर अराजकता का माहौल था। शिक्षा-व्यवस्था, कानून का उल्लंघन, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार इत्यादि सभी आधार भूत संरचनाओं के मामले में बिहार देश का सबसे फिसड्डी राज्य बन गया था लेकिन, 2005 से नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार के पुराने दागों को मिटा कर बदलते बिहार की तस्वीर और सुशासन का राज को साकार किया है।
नीतीश कुमार का विकास बातों में नहीं बल्कि जनता के लिए आए बदलाव में दिखता है। वर्ष 2005 तक बिहार में 50,294 स्कूल थे और उसमें पढाने वाले शिक्षकों की संख्या 67,819 अर्थात एक स्कूल में सवा शिक्षक से भी कम। नीतीश कुमार ने सबसे पहले बिहार की मेघा संवारने का काम किया है। आज प्रदेश में 75,295 स्कूल हैं।
आजादी के 57 साल बीत जाने के बाद जितने स्कूल बिहार में बनवाए गए उसका आधा तो नीतीश कुमार ने पिछले 15 सालों में बनवाया है। शिक्षकों की बात करें तो आज प्रदेश के स्कूलों में 4 लाख 70 हजार शिक्षक बच्चों को पढा रहे हैं। प्रदेश जद यू शिक्षा प्रकोष्ठ के सचिव ई.राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि,
शिक्षकों की संख्या में विगत 16 सालों में 7 गुना वृद्धि हुई है। शिक्षा में नीतीश कुमार का बिहार के प्रति योगदान इन्हीं बातों से समझा जा सकता है कि, बिहार में जनतादल यूनाईटेड की सरकार शिक्षा पर 15.2 प्रतिशत खर्च करता है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है।