कानपुर/बीपी प्रतिनिधि। सोमवार को योगी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की सजा के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में इसे खत्म करने की गुहार लगाई जाएगी। घटना को लेकर पूरी स्थिति से कोर्ट को अवगत कराकर जमानत पर रिहा हुए मंत्री को बरी कराने का प्रयास किया जाएगा।
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नौबस्ता थानाध्यक्ष ब्रजमोहन उदेनिया ने 13 अगस्त 1991 को आर्म्स एक्ट के तहत राकेश सचान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। एसीएमएम तृ़तीय आलोक यादव की कोर्ट ने मंत्री को एक साल की सजा और 1500 रुपये का जुर्माना लगाया था। उन्हें 15 दिन में अपील करने की अनुमति देकर जमानत पर रिहा कर दिया गया था। राकेश सचान जमानत पर रिहा होने के बाद जाते समय कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नजर नहीं आए थे। बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कपिल दीप सचान ने बताया कि यह मामला छात्र राजनीति के दौरान का है और 31 साल पुराना है। राजनीतिक द्वेष में झूठा आरोप लगाकर राकेश सचान को फंसाया गया था। अदालत के फैसले पर अब सेशन कोर्ट में अपील की तैयारी है। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
बार अध्यक्ष नरेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मंत्री राकेश सचान कोई पत्रावाली लेकर गायब नहीं हुए थे। कोर्ट का सम्मान करते हुए सजा के आदेश पर अपील की पूरी तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला जज की कोर्ट में सोमवार को अपील दाखिल करके मंत्री को रिहा करने की मांग की जाएगी। दो धाराओं में एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने पहले ही बरी कर दिया है। अदालत पर पूरा विश्वास है।