पटना, बीपी प्रतिनिधि। बिहार में नीतीश कुमार की नयी सरकार पर घमासान तेज होता जा रहा है। महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस की फजीहत पर बिहार के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता पहले ही भारी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। यहां तक कि बिहार कांग्रेस प्रभारी से गाली गलौज तक की बात सामने आ रही है।
अब पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। गुलाम नबी आजाद ने कहा है-बिहार की सरकार में मंत्रियों औऱ विभागों का बंटवारा तर्क हीन है। कांग्रेस को विधायकों की संख्या के आधार पर सरकार में हिस्सा नहीं मिला। ऊपर से हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस से किसी ने भी मंत्री के पदों को लेकर सही हिस्सेदारी के लिए दबाव भी नहीं बनाया।
एक समाचार एजेंसी को दिये गये साक्षात्कार में गुलाम नबी आजाद ने बिहार की नयी महागठबंधन सरकार में मंत्री पदों के बंटवारे पर कहा कि आरजेडी के पास 79 विधायक हैं और उसे 17 मंत्री पद मिल गये। नीतीश की पार्टी जदयू के पास एक निर्दलीय समेत कुल 46 विधायक हैं और उसके 13 मंत्री बनाये गये हैं।
और तो और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के सिर्फ चार विधायक हैं और उसे भी एक मंत्री पद दिया गया। फिर 19 विधायकों वाली कांग्रेस को सिर्फ दो मंत्री ही पद क्यों मिले। यह तो कोई तर्क न हुआ। सुनने में यह भी आ रहा है कि आरजेडी के पास ही विधानसभा अध्यक्ष पद भी जा सकता है। ऐसे में मंत्री पदों का वितरण कतई सम्मान जनक नहीं कहा जा सकता।