कानपुर देहात, बीपी प्रतिनिधि। है तो बात अनोखी पर सच भी है। द्वापर में तो कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के फाटक स्वतः खुल गए थे। और द्वारपाल सो गए थे। इसके बाद वासुदेव जी उन्हें रातोंरात नंदग्राम भी छोड़ आए। पर कलियुग तो ठहरा कलियुग। शिवली में भगवान श्रीकृष्ण, बलदाऊ और राधा रानी सरकार को पेरोल मिलती है वह भी सिर्फ एक दिन के लिए। यानी जन्माष्टमी वाले रोज।
मथुरा के दरबानों से ज्यादा सख्त है शिवली थाने की पुलिस तभी तो भगवान श्रीकृष्ण यहां बिना किसी अपराध के 20 साल से थाने के मालखाने में कैद हैं। कानपुर देहात के शिवली थाने के मालखाने में पिछले दो दशक से भगवान श्रीकृष्ण, राधा व बलराम कैद हैं। उन्हें हर साल जन्माष्टमी पर एक दिन की पैरोल मिलती है। उन्हें मालखाने से बाहर निकालकर पूजा जाता है। इस साल आज एक बार फिर भगवान एक दिन लिए मालखाने से बाहर लाए जाएंगे। स्नान आदि के बाद पूजा-अर्चना होगी इसके बाद फिर वही मालखाने की कैद।
दरअसल शिवली क्षेत्र में 12 मार्च 2002 को राधाकृष्ण मंदिर से भगवान श्रीकृष्ण, राधा व बलराम की मूर्तियां चोरी हो गईं थीं। मंदिर के सर्वराकार आलोक दत्त ने शिवली थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई। एक हफ्ते में पुलिस ने मूर्तियों को बरामद कर चोरों को दबोच लिया। फिर भी अदालत में मामला चलने के कारण भगवान की मूर्तिया मालखाने में जमा कर दी गईं। सर्वराकार बताते हैं कि कानूनी पेंच के चलते मूर्तियां अदालत से रिलीज नहीं हुई हैं।
बाकी प्रभु की लीला है। जब कृपा होगी प्रभु पुलिस की कैद से बाहर आ जाएंगे। थाना प्रभारी विनोद मिश्रा ने बताया कि सर्वराकार आलोक दत्त से अदालत से भगवान की मूर्तियां रिलीज कराने के लिए कहा गया है। मालखाने में रखीं श्रीकृष्ण, राधा व बलराम की मूर्तियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर निकाला जाता है। विधिवत पूजन के बाद मूर्तियों को मालखाने में पुनः रखवा दिया जाता है।