बीपी डेस्क। उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है. माना जा रहा है कि बीजेपी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भूपेंद्र सिंह चौधरी को ये कमान दी है. उनके पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है और पश्चिमी यूपी में बड़े जाट नेता के तौर पर जाने जाते हैं.
बता दें कि भूपेंद्र सिंह चौधरी पश्चिमी यूपी रहने वाले हैं और वे जाट समुदाय से आते हैं. वे वर्तमान में यूपी विधान परिषद के सदस्य भी हैं. जबकि इससे पहले भी वे 2016 में बीजेपी के एमएलसी चुने गए थे. हम उनके अब तक के करियर पर नजर डालते हैं.
भूपेंद्र सिंह चौधरी, का जन्म मुरादाबाद के महेंद्री सिकंदरपुर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. यहीं जिले के मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की है. उनका अपने गृह जिले से जुडाव बना हुआ है. वहीं जाट समुदाय में भी अच्छी पड़क रखते हैं.
पढ़ें भूपेंद्र सिंह चौधरी को कमान देने की बड़ी वजह…..
- यूपी में कुल चार से छह फीसदी जाट वोटर्स हैं.
- जाट वोटर्स की पश्चिमी यूपी में कुल 17 फीसदी हिस्सेदारी है.
- लोकसभा की 18 फीसदी सीटों पर प्रभाव है.
- विधानसभा की 120 सीटों पर प्रभाव है. दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और मध्य प्रदेश जाट वोटर्स का प्रभाव है.
- इसके साथ-साथ संगठन को आगे बढ़ाने का लंबा अनुभव है.
- पश्चिमी यूपी के किसानों से जोड़कर भी ये फैसला देखा जा रहा है.
राजनीति में एंट्री
अगर नए प्रदेश अध्यक्ष के राजनीतिक करियर की बात करें तो इसकी शुरूआत विश्व हिंदू परिषद से हुई थी. वीएचपी से ही वो बीजेपी में आए हैं. उन्होंने 1991 में बीजेपी ज्वॉइन की थी. पिछली बार पार्टी ने उन्हें 2016 में पहली बार यूपी विधान परिषद का सदस्य चुना गया है. इसके पहले वे बीजेपी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.
बताया जाता है कि बीजेपी पश्चिमी यूपी में जाट समाज को साधने की तैयारी में लगी हुई है. वहीं भूपेंद्र चौधरी की जाट समाज और पश्चिमी यूपी में मजबूत पकड़ है. ऐसे में उन्हें राज्य में बीजेपी की कमान सौंपी गई है. इससे पहले वे संगठन में लंबे समय तक काम चुके हैं. भूपेंद्र चौधरी 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वे उस चुनाव में हार गए थे.