मुजफ्फरपुर/बीपी प्रतिनिधि। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का 24वां महाधिवेशन 14 से 18 अक्टूबर 2022 को विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) में और राज्य सम्मेलन 18 से 21 सितम्बर 2022 को बांका के धोरैया में होने जा रहा है। इसमें राज्य और देश की समस्याओं पर गहनता से विचार किया जायेगा। संविधान, लोकतंत्र समेत तमाम मुद्दों पर विचार कर उनकी रक्षा के लिए संघर्ष का रास्ता तैयार किया जाएगा।
राज्य कार्यकारिणी सदस्य अजय कुमार सिंह ने यह जाकारी देते हुए देश की वाम, धर्मनिरपेक्ष, जनवादी शक्तियों, छात्रों, नौजवानों, किसानों, मजदूरों, व्यवसायियों, बुद्धिजीवियों समेत सभी तबकों से अपील की है कि बिहार ने रास्ता दिखाया है। आप सभी एकजुट होकर भाजपा की नीतियों को करारी शिकस्त दें। तभी देश तरक्की के रास्ते पर चलेगा और नये शक्तिशाली व समृद्धि भारत का निर्माण संभव हो सकेगा। इन्होंने कहा कि बिहार की राजनीतिक घटना ने राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदल दी है। यह अत्यंत आवश्यक था।
भाजपा जिस तरह से राज्य सरकारों को तोड़ती जा रही थी, उससे हमारे जनतंत्रा पर खतरा बढ़ता जा रहा है। बिहार के इस राजनीतिक परिवर्तन का राष्ट्रव्यापी संदेश गया है। मोदी की सरकार हमारे संविधान, लोकतंत्रा, देश की गंगा-जमुनी संस्कृति पर लगातार हमला कर रही है। भाजपा देश के आमलोगों, श्रमिकों के अधिकारों को छिनती जा रही है। इस प्रकार तानाशाही थोपने की कोशिश कर रही है। भाजपा सरकार ईडी, सीबीआई और धन के बल पर जनता द्वारा चुनी राज्य सरकारों को तोड़कर, मध्य प्रदेश, महारष्ट्र, गोवा में अपनी सरकार बना ली। बिहार ने उसके इस विजय अभियान पर ब्रेक लगाने का काम किया है। पुनः बिहार ने इतिहास को दोहराया है।
आडवाणी रथ यात्रा निकालकर, पूरे देश को साम्प्रदायिकता की आग में झोंकने के फेरे में थे, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने उनके रथ को रोककर देश, संविधान, लोकतंत्र बचा लिया था। बिहार ने भाजपा के विजय अभियान को रोककर राष्ट्र को एक नयी दिशा दी है। इन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देशवासी बेेतहाशा बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों से त्रास्त हैं। घर-घर की जरुरत के डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस की कीमतें बेलगाम हैं। सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों, अनाज, दूध, दही आदि पर जीएसटी लगाने से उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्य में भारी उछाल आ गया जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में लगभग 200% बेतहाशा वृद्धि कर दी गयी।
इन्होंने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति लाकर छात्रों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने के लिए शिक्षा का बाजारीकरण तथा बजट कम कर रही है। यही रवैया रहा तो छात्र, शिक्षा से वंचित हो जाएंगें। स्वास्थ्य सुविधा को भी बाजार के हवाले कर दिया गया है। नतीजतन स्वास्थ्य सुविधा से आम लोग वंचित हो रहे हैं। लोगों के लिए आयुष्मान योजना लॉलीपॉप सिद्ध हो रहा है। भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के रेल, सेल, बैंक, हवाई अड्डा, राजमार्ग, कल-कारखाने, जीआईसी, एलआईसी आदि को कौड़ी के मोल बेचकर बेरोजगारों की तादाद बढ़ाती जा रही है। विभिन्न विभागों के लाखों रिक्त पदों को भरने के बजाय पद ही समाप्त कर रही है।
केंद्र सरकार श्रमिकों के प्राप्त अधिकारों पर हमला कर उनके हक-हकूक को छिन रही है। इससे जनता में भारी आक्रोश है।
इन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए देश में साम्प्रदायिकता, धार्मिकता, नफरत की राजनीति कर देश को कमजोर कर रही है। लव जिहाद, हिजाब, तलाक आदि का मामला उठाकर अल्पसंख्यक समुदाय को भयभीत कर रही है। इन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी पर तीव्र प्रहार किया जा रहा है। मीडिया को अपने चंगुल में रखने की कोशिश केंद्र सरकार की है। मोदी सरकार के ये सभी कदम देश को एक खतरनाक दिशा में ले जाने के संकेत दे रहे हैं।
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