कानपुर, बीपी डेस्क। कानपुर में आनंदनगर, धनुकाना, गजोधरपुर, लोहारन भट्ठा और जूही के बाद डायरिया ने ग्वालटोली पर भी हमला बोल दिया है। यहां की एक महिला की मौत हो गई। उसका इलाज उर्सला में चल रहा था। इसके अलावा उल्टी-दस्त के लक्षण वाले 38 डायरिया रोगियों का इलाज चल रहा है। शनिवार को डायरिया के कुल नए 43 रोगी मिले हैं।
डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में बुखार के 15 और दूसरी मौसमी बीमारियों के 66 रोगी मिले हैं। क्षेत्रों में मेडिकल कैंप लगाकर रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसके साथ स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 2191 घरों का सर्वे किया। ओआरएस घोल के पैकेट और क्लोरीन की गोलियां वितरित की गईं। एसीएमओ डॉ. आरएन सिंह ने डायरिया प्रभावित क्षेत्रों में जाकर स्थिति देखी।
इसके साथ ही खुली नालियों और जलभराव वाले स्थानों पर लार्वीसाइडल दवा का छिड़काव किया गया। एसीएमओ ने बताया कि मकबरा ग्वालटोली के रहने वाले जर्रार हुसैन की पत्नी तनवीर फातिमा (65) को उल्टी-दस्त आने लगे। पेट में तकलीफ हो गई। उसे उर्सला में भर्ती किया गया था, शनिवार को मौत हो गई। वहीं भटिंडा पंजाब से लौटे हरदेवनगर बर्रा के रहने वाले मां-बेटे डायरिया की चपेट में हैं। रोगियों को सेवन एयरफोर्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। मां अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई है और बेटे का इलाज चल रहा है।
वहीं हरदेव नगर में और भी डायरिया रोगी मिले। उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है। लोहारन भट्ठा और जूही में डायरिया रोगी नहीं मिले लेकिन धनुकाना और ग्वालटोली में संक्रमण अभी बना हुआ है। क्षेत्रों में क्लोरीन की एक हजार गोलियां बांटी गई हैं। इसके साथ ही लोगों को डायरिया, गैस्ट्रोइंटाइटिस और दूसरे संक्रामक रोगों से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं।