माले जांच दल ने कहा, भाजपा के इशारे पर काम कर रहे
सिवान के डीएम-एसपी का तत्काल ट्रांसफर करे सरकार!
Patna, State Desk : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने सिवान के बड़हरिया के पुरानी बाजार में विगत 8 सितंबर को नमाज पढ़ रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों पर महावीरी अखाड़ा के जुलूस द्वारा किए गए संगठित हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की है. कहा कि बिहार की सत्ता से बेदखल होने के बाद भाजपा बौखलाई हुई है और वह पूरे राज्य में नए सिरे से उन्माद-उत्पात को भड़काने में लग गई है. बिहार सरकार को इस मामले में ठोस व कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. सबसे चिंताजनक यह है कि प्रशासन का रवैया पूरी तरह भाजपाई हो गया है.
उन्होंने कहा कि प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 8 सितंबर को बड़हरिया के पुरानी बाजार में रोड पर ही मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज पढ़ रहे थे. यह इलाका मुस्लिम बहुल इलाका है. उसी दिन महावीरी अखाड़ा का जुलूस निकला. इस बार के जुलूस में दूसरे गांव के लोगों को भी शामिल किया गया. बड़हरिया का इलाका पहले से ही संवेदनशील माना जाता रहा है. यह जानते हुए कि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिला प्रशासन ने वहां पर मात्र 3 पुलिसकर्मियों की बहाली कर रखी थी.
हाथों में डंडे व सांप्रदायिक उन्माद भड़काने वाले नारे लगाते हुए महावीरी अखाड़ा का जुलूस जैसे-जैसे मस्जिद के नजदीक आता गया, आक्रामकता बढ़ती गई और नमाज पढ़ रहे लोगो को जुलूस में शामिल उन्मादी-उत्पाती लोग अचानक लाठियों से पीटने लगे. उनके घरों का दरवाजा तोड़ दिया. दुकानों में आगजनी की. घटनास्थल पर मौजूद तीनों पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे. उनकी बढ़ती आक्रमकता का मुस्लिम समुदाय की ओर से भी प्रतिकार हुआ. दोनों तरफ से ईंट-पत्थर चलने लगे. घंटे भर बाद पुलिस आई, तब जाकर मामला नियंत्रित हुआ.
भाकपा-माले के सिवान जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा कि घटना की जैसे ही जानकारी मिली पार्टी के वरिष्ठ नेता काॅ. नईमुद्दीन अंसारी घटनास्थल पर पहुंचे. भाकपा-माले ने इस घटना के लिए जिला प्रशासन को दोषी बताया है. जब इस तरह की घटना की संभावना पहले से थी, अतीत में ऐसा पहले भी हो चुका है, तब प्रशासन ने सुरक्षा के जरूरी उपाय क्यों नहीं किए? सिवान के डीएम-एसपी व एसडीपीओ की भूमिका कई मामलों में संदिग्ध पाई गई है. ऐसे मामलों में वे खुलकर भाजपा व उन्मादियों के हाथो खेलते नजर आए हैं. इसके पहले भी हुसैनगंज के हथौड़ा व मुहर्रम के जुलूस के दौरान वैशाखी में झड़प हुई, लेकिन प्रशासन निष्क्रिय बना रहा था.
अब उलटे प्रशासन निर्दोष लोगों को ही गिरफ्तार कर रहा है. अब तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 25 मुस्लिम समुदाय व 10 महावीरी अखाड़ा के जुलूस में शामिल लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. यह आंकड़ा प्रशासन के भाजपाईकरण को साफ-साफ इंगित करता है. पीड़ितों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है. यहां तक कि मुस्लिम समुदाय के एक 70 वर्षीय वृद्ध व 12 वर्ष के एक नाबालिग को पकड़कर जेल भेज दिया है. प्रशासन की यह कार्रवाई मुस्लिम विरोधी है. इस घटना के खिलाफ भाकपा-माले ने 12 सितंबर को सिवान में मार्च निकालने का फैसला किया है.
भाकपा-माले सबसे पहले भाजपामाइंडेड डीएम-एसपी को जिले से तत्काल हटाने की मांग करती है. बिहार सरकार उन्माद-उत्पात की ऐसी कार्रवाइयों में शामिल लोगों की शिनाख्त कर कड़ी कार्रवाई और इस बात की भी गारंटी करे कि इन मामलों में किसी निर्दोष को नहीं फंसाया जाए.