Sitamarhi : भूदान आन्दोलन के जनक संत विनोबा के विचार आज ज्यादा प्रासंगिक: डॉ.आनंद

बिहार सीतामढ़ी

गांव, गरीब तथा बेरोजगारों को गांधीवादी रास्ते हीं मिलेगा न्याय

Sitamarhi, Ravi Shankar Singh : महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रशिद्ध गांधीवादी तथा भूदान आन्दोलन के जनक, महान पदयात्री आचार्य संत विनोबा की 128वीं जयन्ती पर “भूदान आन्दोलन तथा सरकार की भूमि नीति”पर जिला सर्वोदय मंडल सीतामढी के तत्वावधान मे खादी भण्डार परिसर में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रो आनन्द किशोर ने की। मौके पर वक्ताओं ने सरकार के भूमि तथा भूदान भूमि की नीति को आमजन तथा भूमिहीनों के खिलाफ बताया। वक्ताओं ने कहा भूदान की जमीन का सरकारी सहयोग से देश मे गलत लोंगो को आबंटित किया जा रहा है। भूदान की भूमि विनोबा जी को दान में मिली थी सरकार को नही। भूदान की जमीन केवल भूमिहीनो के लिए थी।

विनोबा जी के निधन के बाद सर्वोदय मंडल की सहमति से उसे भूमिहीनो को वितरित करना था। सरकार कब्जाधारियों से भूदान की जमीन मुक्त कराए, गलत आबंटन कराने वालों को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर कारवाई करे। वक्ताओं ने कहा आज सभी सरकारें संत विनोबा तथा गांधी के गांव, गरीब तथा आमजन के रोजी-रोजगार तथा विकास के विचारों से भाग रही है। मानवश्रम की उपेक्षा हो रही है। भूमि को अपने पूंजीपति मित्रों के हाथों गिरबी रखने की नीति बना रही है।

रेबडी का प्रलोभन देकर सरकार केबल सता मे बने रहना चाहती है। सर्वोदय मंडल इसके खिलाफ जागरण तथा आन्दोलन करेगी। संगोष्ठी मे सामाजिक, राजनीतिक कार्यकर्ता तथा बुद्धिजीवियों नेअपना विचार रखा। विषय प्रवेश अध्यक्ष डा. आनन्द किशोर ने कराया।

वहीं सीतामढी नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष मनोज कुमार पूर्व प्राचार्य ब्रजमोहन मंडल, गांधीवादी चिंतक तथा सर्वोदयी रामप्रमोद मिश्र, आलोक कुमार सिंह, शशिधर शर्मा, चन्द्रदेव मंडल, नन्दकिशोर मंडल, सत्यनारायण सिंह, खादी ग्रामोद्योग केअध्यक्ष दिनेश ठाकुर, मंत्री सुरेश प्रसाद, उपेन्द्र चौधरी, रामबाबू सिंह, अरूण चौधरी, रामबीर मंडल, रामचन्द्र सिंह, चन्देश्वर प्रसाद सहित अन्य सर्वोदयी कार्यकर्ताओं ने अपना विचार रखा।