Lucknow : आयुष मंत्री ने प्रयागराज में होम्योपैथी मेडिकल कालेज का किया निरीक्षण

उत्तर प्रदेश लखनऊ

श्री दयालु ने निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था पर जताई नाराजगी
भवन निर्माण मानक गुणवत्तानुसार पूर्ण करायें- दयाशंकर मिश्र ’दयालु’

Lucknow : उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 दयाशंकर मिश्र दयालु ने आज प्रयागराज में राजकीय लाल बहादुर शास्त्री होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल हिम्मतगंज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने साफ सफाई को लेकर विशेष ध्यान रखने को कहा। वाटर कूलर न चलने और पेय जल की दिक्कतों को देखते हुए उन्होंने फटकार लगाई और कहा कि इससे मरीजों और तीमारदारों को दिक्कत होती है। आपके पास अगर जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी तो कैसे काम चलेगा।
श्री दयालु ने माइनर ओपीडी को शीघ्र शुरू करने और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, 2003 से निर्माणाधीन एमडी ब्लॉक के न पूरा होने पर असंतोष जताते हुए राजकीय निर्माण निगम के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए एवं कार्य को शीघ्र पूरा कराने को कहा।

दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता क्षम्य नहीं होगी और कार्य में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्यवाई की जायेगी। सभी लोग अपनी जिम्मेदारियों को समझें और काम को ईमानदारी से अंजाम दें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हृदय के करीब है और वे लगातार पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के उत्थान के लिए प्रयत्नशील हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश के आयुष अस्पतालों और कॉलेजों को अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर लेना चाहिए ताकि हम उनके संकल्पों की सिद्धि में सहायक बन सकें।

तत्पश्चात आयुष मंत्री वाराणसी जाते समय रास्ते में राजकीय आयुर्वेद लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज एवं हॉस्पिटल हड़िया प्रयागराज एवं निर्माणाधीन गर्ल्स हॉस्टल का भी औचक निरीक्षण किया। मौके पर दो टीचर और एक कर्मचारी मौजूद न होने पर कार्यवाही करने को कहा। साफ सफाई न होने के कारण प्रधानाचार्य को फटकार लगाया। निर्माण कार्य में कमी पाये जाने पर ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्माणाधीन भवन के चारो तरफ छायादार पेड़ और पौधे लगाने को कहा। जिससे कि मरीज का दिखाने आने वाले तीमारदारों को छाया मिल सके और अस्पताल प्रशासन का पर्यावरण शुद्ध बना रहे।