बिहार : सूबे के डुमरांव स्थित एकलौता पशुपालन विद्यालय में युवा स्वरोजगार को ‘मैत्री’ प्रशिक्षण शुरू

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पशुपालन विद्यालय में तीन माह से बंद पड़े मैत्री प्रशिक्षण शुरू होते ही युवाओं की बीच खुशी की लहर दौड़ गई

Buxar, Vikrant : खुशखबरी। राज्य सरकार के पशुपालन मंत्री की पहल पर डुमरांव स्थित सूबे के एकलौता पशुपालन विद्यालय में युवा स्वरोजगार के तहत मैत्री प्रशिक्षण शुरू हो गया। नई सरकार के गठन के बाद बंद पड़े मैत्री प्रशिक्षण शुरू होते ही डुमरांव स्थित पशुपालन विद्यालय गुल-ए-गुलजार हो उठा है।

इसी कड़ी में सूबे के विभिन्न जिला से चयनित 30 युवाओं के बीच स्वरोजगार के तहत मवेशी पालन के लिए बढ़ावा दिए जाने, पशुओं के नश्ल सुधारने व कृत्रिम गर्भाधान एवं मवेशियों के प्राथमिक उपचार आदि बिषयों पर प्रशिक्षण कार्य शुरू करने से पहले प्रशिक्षक डा.दिनेश कुमार, डा.अनिल कुमार एवं डा.कोर्णाक कुणाल द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का निबंधन किया गया।

पशुपालन विद्यालय के मुख्य अनुदेशक डा.फतेहूज्जमा ने बताया कि मैत्री का आवासीय प्रशिक्षण पूरा कर लेने वाले युवको को मवेशियों का प्राथमिक उपचार के लिए उपकरण बाक्स(एआई कीट) उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण लेकर यहां से जाने के बाद अपने निकट के पंचायत अथवा गांव स्थित पशु चिकित्सा केन्द्र पर दो माह का दोबारा प्रशिक्षण लेने के बाद अपने अपने क्षेत्र में स्वरोजगार के तहत पशुओं के नश्ल सुधारने व मवेशी पालन को बढ़ावा देने का कार्य कर स्वावलंबी हो जाते है।‘मैत्री‘ प्रशिक्षण युवाओं को आर्थिकोपार्जन का माध्यम बन जाता है।