CENTRAL DESK : केंद्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में पीएफआई की देश में कमर तोड़ते हुए छापेमारी की थी जिसमें 100 से ऊपर गिरफ्तारियां हुईं थीं. अब महाराष्ट्र एटीएस सूत्रों के हवाले से बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है कि पीएफआई के रडार पर आरएसएस और बीजेपी के कई बड़े नेता थे. इतना ही नहीं नागपुर स्थित संघ मुख्यालय भी पीएफआई के निशाने पर था.
सूचना मिली है कि पीएफआई देश में आरएसएस और बीजेपी के बड़े नेताओं पर हमला करना चाहता था. इसके लिए पीएफआई के सदस्यों ने आरएसएस की दशहरा के दिन होने वाली पथ संचलन की जानकारी भी जुटाई थी. पिछले हफ्ते ही केंद्रीय जांच एजेंसी, सीआरपीएफ और राज्य एटीएस ने पूरे देश के 10 राज्यों में पीएफआई से जुड़े लोगों पर छापेमारी कर सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया था.
उधर, उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पीएफआई प्रदेश में अपनी जड़ें जमा रहा है. उसने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए एक विशेष योजना भी शुरू की है. एजेंसियों के मुताबिक पीएफआई लोगों को खुला ऑफर देता है कि पैसों के दम पर हिंदू युवतियों को धर्म बदलवाओ. इसके अलावा धर्मांतरण कराने वाले लोगों को रोजगार, पैसा और मकान सब कुछ दिया जाएगा. इसके साथ ही दुकान खोलने के लिए पूरा इंतजाम कराया जाता है.
बतातें चलें कि सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पीएफआई के सदस्यों ने काकोरी, लखनऊ-बाराबंकी सीमा पर कुर्सी गांव में प्रशिक्षण शिविर लगाया था. जहां पर लोगों को लव-जिहाद , धर्मांतरण करने के तरीके के बारे में जानकारी दी. साथ ही ऐसा करने वालों को संस्थान की तरह से इनामी योजनाओं के बारे में बताया. लखनऊ में पिछले दिनों गिरफ्तार उमर गौतम धर्मांतरण कराता था. वह एसडीपीआई का सक्रिय सदस्य होने के साथ हल-हरम एकेडमी का उपाध्यक्ष था.