Motihari/Rajan Dwivedi : भोजन और पीने के पानी में साफ सफाई के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है। दूषित जल पीने से डायरिया जैसा रोग हो सकता है- यह कहना है पूर्वी चंपारण के सीएस डॉ अंजनी कुमार का। उन्होंने बताया कि डायरिया मुख्य रूप से वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। जिसमें रोगी द्वारा लगातार मल त्याग होता है, मतली, पेट में ऐंठन और डिहाइड्रेशन जैसे लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में अक्सर डायरिया की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में सतर्क एवं सावधान रहने की जरूरत है।
सदर अस्पताल के महामारी पदाधिकारी डॉ राहुल राज ने बताया कि डायरिया से बचने के लिए सभी लोगों को स्वच्छ जल, गर्म और ताजा भोजन का सेवन करना चाहिए। साथ ही साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। किसी प्रकार की दिक्कत होने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल के चिकित्सक को दिखाना चाहिए, इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए।
डॉ राहुल राज ने बताया कि जिले के केसरिया प्रखंड के सारंगपुर में दूषित पानी पीने से डायरिया का प्रकोप देखा गया, जिसमें 40 से ज्यादा बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक प्रभावित थे, उनसभी का चिकित्सकों द्वारा इलाज किया गया है।
सभी आवश्यक दवाएँ उपलब्ध करा दी गई हैं। स्थिति अब नियंत्रण में है। इलाज के बाद कई लोग घर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि डायरिया के दायरे में किसी भी आयु वर्ग के लोग आ सकते हैं। डायरिया के कारण अत्यधिक निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने से समस्याएँ बढ़ जाती हैं और उचित प्रबंधन के अभाव में यह जानलेवा भी हो जाता है। इसके लिए डायरिया के लक्षणों के प्रति सतर्कता एवं सही समय पर उचित प्रबंधन कर बच्चों को डायरिया जैसे गंभीर रोग से आसानी से सुरक्षित किया जा सकता है।
डायरिया से बचाव को लेकर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। इसके लिए खाने से पहले हाथों की नियमित तौर पर अच्छी तरह सफाई करें। घर के आसपास गंदगी और जलजमाव नहीं होने दें। इसके अलावा डायरिया से बचाव को लेकर गर्म व ताजा खाना खाएं और बासी खाना से दूर रहें । फ्रिज में रखें खाना खाने से परहेज करें। इसके अलावा समय पर खाना खाएं और अधिक देर तक भूखा नहीं रहें।