Bhupendra Singh : वायरल संक्रमण के लक्षण कोरोना की तरह है। इसमें भी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है लेकिन कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की एक छात्रा सहित चार मरीज तो आईसीयू में वेंटिलेटर पर हैं। एक अन्य मेडिकल छात्रा को हैलट इमरजेंसी में भर्ती किया गया। वायरल के करीब 30 मरीज इस समय भर्ती हैं और इनमें से कई ऑक्सीजन पर हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि रोगी वायरल संक्रमण के बाद एक्यूट रेस्पेरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) की स्थिति में चले जा रहे हैं। उन्हें निमोनिया हो जा रहा है। मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा का कहना है कि पहले वायरल फीवर एक सप्ताह में ठीक हो जा रहा था। अब तीन सप्ताह का समय लग रहा है। मेडिकल छात्रा का इलाज कर रहे सीनियर फिजीशियन डॉ. बीपी प्रियदर्शी ने बताया कि वायरल संक्रमण के बाद रोगी को दिक्कत हो गई।
उसकी एमआरआई और दूसरी जांचें कराई जाएंगी। इंसेफ्लाइटिस का शक है। दूसरी मेडिकल छात्रा को डॉ. जेएस कुशवाहा के अंडर में भर्ती किया गया है। डॉ. प्रियदर्शी ने बताया कि ज्यादातर रोगियों को बाई पेप पर रखा गया है। सांस तंत्र अधिक क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया जा रहा है।
रोगियों की रिपोर्ट कोविड निगेटिव आ रही है। हैलट इमरजेंसी और वार्डों में रोगी ऑक्सीजन पर हैं। मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य और मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. रिचा गिरि का कहना है कि रोगियों को वायरल न्यूमोनाइटिस हो रहा है। वायरस की पहचान नहीं है। वायरस में बदलाव होता रहता है। इसकी पहचान के लिए जांच करानी पड़ेगी।
डॉ. आलोक रंजन, सीएमओ कानपुर नगर के अनुसार अभी तक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के चार-पांच छात्र वायरल संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं। इनकी डेंगू और कोविड रिपोर्ट निगेटिव है। उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरि ने वार्डन को निर्देश दिए हैं कि छात्रावास में संक्रमण दूर करने के लिए फ्यूमिगेशन करा दें। हैलट में विभागीय अधिकारी को भेजकर पता कराएंगे। रोगियों की सैंपलिंग कराकर जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भिजवाएंगे। इससे वायरस की पहचान हो जाएगी।
सलाह :
- बारिश में न भीगें, सर्द-गर्म से बचें
- कोल्डड्रिंक और ठंडा पानी न पीयें
- भीड़भाड़ में मास्क लगाकर जाएं
- उबला या फिटकरी शोधित पानी पीयें
- पौष्टिक और सादा खाना ही खाएं
- बुखार व दस्त पर डॉक्टर को दिखाएं