Kanpur, Beforeprint : पीएफआई मामले की जांच कर रही यूपी पुलिस को पूछताछ और जांच के दौरान कई खुलासे हुए हैं। यूपी पुलिस के टॉप सोर्स के मुताबिक, पीएफआई ने मुसलमानों को भी कई कैटेगरी में बांट रखा था। कुछ मुस्लिमों को वो सिर्फ और सिर्फ चंदा लेने के लिए टारगेट करते थे, जिससे अपने संगठन को फाइनेंसियली मजबूत किया जा सके।
वह सबसे ज्यादा स्टूडेंट ग्रुप्स पर ध्यान देता था, जो मुस्लिम यूथ को आईएस आर्गेनाइजेशन के साथ जोड़ सके। मुस्लिम युवक मदरसों में जाकर दिनी तालीम लें यह पीएफआई के एजेंडे में सबसे ऊपर होता था। इस जांच में सबसे खतरनाक तथ्य जांच में यह सामने आया है कि पीएफआई के लोग शरीयत की बातों को मुस्लिम युवाओं को जोड़ तोड़कर अपने एजेंडे के हिसाब से सबको बताते थे, ताकी अपने एजेंडे को चलाने में मदद मिल सके.
पीएफआई अपने जिहादी मिशन मे लड़कों को भर्ती करने के बाद उनको अपनी पॉलिटिकल विंग में भी ट्रेनिंग देता था, ताकि उनको पॉलिटिकली लोगों को जोड़ने मे जरा भी कठिनाई न हो। लखनऊ की एक टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र भी इन लोगों की मदद कर रहे थे, ताकी सोशल मीडिया पर भी पीएफआई अपना एजेंडा तेजी के साथ फैला सके। वही पीएफआई मामले को लेकर कानपुर में अलर्ट है। पुलिस कई मोहल्लों में गस्त पर है।