Patna, Beforeprint : बिहार में जेडीयू और बीजेपी दोनों पार्टियां खुद को अति पिछड़ों का सबसे बड़ा हितैषी करार दे रहे हैं। जेडीयू ने बीजेपी पर अति पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगा रही है तो वहीं बीजेपी निकाय चुनाव के रद्द होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे तौर पर जिम्मेवार बता रही है।
पटना के आयकर गोलंबर समेत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अति पिछड़ों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया और सीएम का पुतला फूंका। राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अति पिछड़ा समाज के जो उम्मीदवार निकाय चुनाव में उतरे हैं उनके साथ नीतीश कुमार ने आर्थिक और सामाजिक खिलवाड़ करने का काम किया है। नीतीश कुमार की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद आयोग का गठन नहीं किया, जिसके कारण यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है।
जेडीयू ने बीजेपी को आरक्षण विरोध करार दिया है। बीजेपी एक सोची समझी साजिश के तहत देश से आरक्षण को खत्म करना चाह रही है। इसीलिए बीजेपी के नेता आयोग गठन करने की मांग कर रहे हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बीजेपी के पुतला दहन के जवाब में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पोलखोल अभियान चलाने की घोषणा की है।