Adarsh : बारावफात के मौके पर जुलूस-ए-मोहम्मदी रविवार को निकाला जाएगा। एशिया में सबसे बड़ा जुलूस कानपुर में निकलता है। इसे लेकर पहले कई बार माहौल भी बिगड़ चुका है। इसके देखते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने जुलूस के आयोजन पर सुरक्षा की तैयारियां पूरी कर ली हैं। पूरे जुलूस मार्ग को खुफिया कैमरों से लैस करने के साथ ही चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी, आरएएफ के साथ पैरामिलेट्री फोर्स तैनात रहेगी। जुलूस में लोडर और डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया है।
जुलूस-ए-मोहम्मदी का आयोजन रविवार को होना है लेकिन इसके लिये पुलिस व प्रशासन की टीमें बीते कई दिनों से पूरे रूट का निरीक्षण कर रही हैं। शनिवार को भी पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड, संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी, अपर पुलिस आयुक्त आनंद कुलकर्णी, डीसीपी अपराध एवं यातायात सलमान ताज पाटिल ने भारी भरकम पुलिस फोर्स के साथ रूट का निरीक्षण कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया। सभी वरिष्ठ अधिकारी आयोजन की कमान थामे हुए हैं। पूरे रूट पर जगह-जगह भीड़ को नियंत्रित करने के लिये बैरीकेडिंग लगाई गई है।
जुलूस-ए-मोहम्मदी के आयोजन को लेकर विगत कई दिनों से पुलिस की अलग-अलग टीमें शहरकाजी, धर्म गुरुओं व मौलवियों की तरफ से सभी आयोजकों से निरंतर संवाद करके आयोजन को लेकर सभी तरह की समस्याएं दूर करने में लगी हुई हैं। ताकि आयोजन हर बार से बेहतर हो सके। अफवाह और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जुलूस ए मोहम्म्दी के रूट पर कुल 123 ड्रोन कैमरों को आयोजन की निगरानी के लिये लगाया गया है। यह कैमरे आकाश से जमीन पर हो रही हर गतिविधि पर अपनी बारीक नजरें बनाए रखेगें। इसके साथ ही पीटीजेड कैमरों व रूट पर सीसीटीवी कैमरों को भी लगाया गया है।
जुलूस-ए-मोहम्मदी आयोजन को लेकर जहां पुलिस एक तरफ रूट को सुरक्षित व दुरुस्त करने में लगी है वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी पुलिस का सोशल मीडिया सेल नजर बनाए है। कोई भी भ्रामक सूचना सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म फेसबुक, वाट्सएप एवं ट्विटर पर फैलाने वालों पर त्वरित कारवाई होगी।
जुलूस-ए-मोहम्मदी के लिये दस कंपनी पीएसी, 100 निरीक्षक, 500 उप निरीक्षक, हजारों की संख्या में जवान तैनात करने के साथ ही आरएएफ, आईटीबीपी के जवान तैनात किये गये हैँ। शहर के अलावा आगरा, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी आदि जनपदों से भी फोर्स मंगाया गया है, जिसने आकर अपना जिम्मा संभाल लिया है।
महत्वपूर्ण निर्देश
सभी तंजीमों / अंजुमन को अपने अपने जुलूस में पर्याप्त संख्या में वालंटियर्स को लगाना अनिवार्य है।
जुलूस ए मोहम्मदी के मुख्य जुलूस में शामिल होने वाले सभी तंजीमों / अंजुमन को जुलूस के गुजर जाने के बाद पीछे से शामिल होने के लिये जगह मिलेगी न कि बीच में या फिर आगे।
ज़मीयत जो कि जुलूस आयोजित करने की संस्था है, उसके द्वारा किसी भी लोडर, छोटा हाथी को जुलूस में शामिल करने को प्रतिबंधित किया गया है, इसलिए आप सभी जुलूस में लोडर और छोटा हाथी लेकर डीजे के साथ शामिल न हों।
तंजीमें / अंजुमन यदि वे जुलूस के रास्ते में से किसी स्थान से शामिल होना चाहते हैं तो जुलूस का पिछला हिस्सा निकलने के बाद ही शामिल हो पाएँगे, जुलूस के बीच में घुसने की इजाज़त नहीं होगी।
यदि किसी चौराहा, तिराहा, चौक या किसी अन्य स्थान से एक से ज़्यादा अंजुमन शामिल होनें आएँगी तो वो सभी उस स्थान पर मुख्य जुलूस के आने का शांतिपूर्वक इंतज़ार करेंगी और सभी अंजुमन अपने आने के क्रम के अनुसार व्यवस्थित रूप से एक के पीछे एक खड़ी हो जाएँगी।
बहुत बड़े और ज़्यादा ध्वनि विस्तारक यंत्र लेकर जुलूस में न जाएँ।
स्वस्थ समाज में स्वस्थ परंपरा को डालकर आदर्श व्यक्ति एवं आदर्श समाज का उदाहरण प्रस्तुत करें।
जुलूस में कोई भी आपत्तिजनक ध्वज लेकर शामिल न हों।
ध्वज में लोहे की राड एवं धातु की छड़ का प्रयोग न करें ताकि बिजली के तारों में छूने से कोई हादसा न हो, लकड़ी के डंडों में ध्वज लगाएं।
पूरे कार्यक्रम की वीडियोग्राफी होगी, यदि कोई प्रतिकूल तथ्य मिलेगा तो सम्बंधित अंजुमन के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाएगी।
जुलूस-ए-मोहम्मदी के अवसर पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड एवं शहरकाजी, धर्म गुरुओं व मौलवियों की तरफ से सभी आयोजकों तंजीमों/अंजुमन से अपील की गई है कि पूरे आयोजन को बेहद अनुशासित एवं शांति पूर्वक ढंग से खुशी-खुशी मनाएं, किसी भी प्रकार के नियम व कानून का उल्लंघन न किया जाए। अगर कोई यह करता है तो उसके ऊपर कड़ी से कड़ी कारवाई की जाएगी। पुलिस आयुक्त ने अनुशासन एवं सुव्यवस्था का उदाहरण प्रस्तुत करने की अपील की है ताकि पूरे प्रदेश में आपके शहर एवं आयोजन का नाम आदर्श के रूप में लिया जाए।