DESK : पटना के एनएमसीएच के अधीक्षक का निलंबन अब सरकार और डॉक्टरों के बीच तनाव का कारण बन गया है. स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आमने-सामने आ गये हैं. आइएमए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर एनएमसीएच के अधीक्षक प्रोफेसर डॉ बिनोद कुमार सिंह का निलंबन रद्द करने की मांग रख दी है, साथ ही आइएमए ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एनएमसीएच के अधीक्षक का निलंबन वापस नहीं होता है, तो राज्यभर के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे. इधर डॉक्टरों के इस रवैये पर उपमुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा है कि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेने जा रही है. अधीक्षक का निलंबन वापस नहीं होगा. डॉक्टरों की जिद के आगे अब सरकार झुकनेवाली नहीं है.
डॉक्टरों की ओर से दी जा रही हड़ताल की धमकी पर तेजस्वी ने कहा कि आप सही को सही और गलत को गलत अगर नहीं कह रहे हैं फिर आपकी बात कोई नहीं सुनेगा. गलत मानसिकता के लोगों का काम होता है हल्ला मचाना. हमारा इन सब चीजों पर कोई ध्यान नहीं रहता है. डॉक्टरों को अपनी शिकायत लेकर जहां जाना है जाएं. सरकार यहां जनता की सेवा करने के लिए है, हमलोग किसी और के लिए यहां नहीं बैठे हुए हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस डॉक्टर को ये नहीं पता कि डेंगू वार्ड कहां है, उसका पक्ष आप कैसे ले सकते हैं. आइएमए उसका पक्ष रख रहा है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अब डॉक्टरों की मनमानी नहीं चलने वाली है. उन्हें काम करना होगा. सरकार अगर उन्हें वेतन देती है तो समय से आना होगा. हम जनता के लिए हैं, जनता के लिए काम करेंगे. बिहार के करीब सात सौ पांच डॉक्टर वर्षों से ड्यूटी से गायब हैं. कोई दस साल से तो कई 12 साल से अस्पताल नहीं आ रहा है. आइएमए ने कभी भी यह नहीं कहा कि ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अब ये सब बहुत दिनों तक नहीं चलनेवाला है.