‘आरक्षण बचाओ और चुनाव कराओ’ भाजपा का बेतिया में धरना
Bettiah/Awadhesh Kumar Sharma : पश्चिम चम्पारण जिला मुख्यालय बेतिया स्थित भाजपा नगर मंडल ने समाहरणालय प्रवेश द्वार के पास धरना स्थल पर ‘आरक्षण बचाओ, चुनाव कराओ’ को लेकर एक दिवसीय धरना का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में भाजपा के जिला पदाधिकारी, बेतिया भाजपा के पूर्व, पश्चिम ग्रामीण मंडल के कार्यकर्ता शामिल हुए।
पार्टी का एक दिवसीय कार्यक्रम कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे से लेकर दिन के 1:00 बजे दिन ही संपन्न हो गया। इस धरना के कार्यक्रम को विजय रंजन ठाकुर, अनील वर्मा, प्रतीक एडमिन शर्मा, राजू पासवान, चंद्रशेखर सिंह, विजय ठाकुर, राहुल, राधेश्याम पटेल, सुरेश चौहान, मन्ना मिश्र, विनोद श्रीवास्तव, आशीष गुप्ता व कार्यकर्ताओं ने धरना को संबोधित किया। जिसमें आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। सभी ने एक दूसरे दल के लोगों को आरक्षण विरोधी विरोधी बताने का प्रयास किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मन्ना मिश्र, सुरेश चौहान और राधेश्याम पटेल ने संयुक्त रुप से किया।
सूत्रों की माने तो भाजपा का एक दिवसीय धरना पूर्वाह्न 11:00 बजे प्रारंभ हुआ, अपराह्न 1 बजते बजते पूरा पंडाल खाली होने लगा और लगभग 1.30 मे पंडाल में इक्का-दुक्का कार्यकर्ता झंडा बैनर समेटते से नजर आए। पश्चिम चम्पारण जिला अंतर्गत निकाय चुनाव में विलंब को लेकर भाजपा ने संबंधित सभी प्रखंड मुख्यालय पर आरक्षण बचाओ, चुनाव कराओ महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया। नरकटियागंज में धरना को संबोधित करते हुए विधायक रश्मि वर्मा ने कहा कि नगर निगम चुनाव में आरक्षण का जो आधार है वह उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में एक समिति के अनुशंसा के उपरांत ही किया जा सकता है।
किसी जाति विशेष को आरक्षण देने या उसको कम करने की निर्णय लिया जाता है तो उसका आधार सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में गठित एक समिति की अनुशंसा पर की जाएगी। वह समिति इस बात का ध्यान देगी कि जिस भी जाति विशेष को या संवर्ग विशेष को खासकर विगत दिनों में हुए बदलाव को देखते हुए अत्यंत पिछड़ा संवर्ग के दिए जाने वाले आरक्षण के संबंध में यह बातें सर्वथा लागू होती हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आलोक में एक समिति का गठन करने के पश्चात उसका आकलन करती कि किसी संवर्ग को आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है, वह लाभ प्राप्त करने योग्य है अथवा नहीं।
इसका आधार नगर निगम के विभिन्न विभिन्न पदों पर अत्यंत पिछड़ा संवर्ग की नुमाइंदगी कितनी है। इस बात से आकलन किया जाना रहा।बगैर आकलन किये उन्होंने समिति का गठन नहीं किया और समिति ने कोई अपनी अनुशंसा नहीं दी और बगैर समिति की अनुशंसा के उन्होंने नगर निगम के चुनाव का तिथि निर्धारित कर दिया। इसी विषय पर उच्च न्यायालय पटना ने चुनाव पर रोक लगाया है।
उधर चनपटिया में विधायक उमाकांत सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार दलित, पिछड़ा व अतिपिछड़ा विरोधी है। केंद्र की मोदी सरकार ने तो आर्थिक रुप से कमजोर सवर्णों को 10 % आरक्षण देने का कार्य किया। दलित समाज से आने वाले रामनाथ कोविंद और द्रोपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद देने का कार्य किया। बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाने का हवाला देकर चुनाव को टालना चाहती है, जबकि सुप्रीम कोर्ट का पहले से गाइडलाइन है
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