Vijay Kumar : जम्मू कश्मीर में आतंकियों का निशाना बने दो श्रमिकों के शव बुधवार को एक साथ गांव पहुंचे। शवों को देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शवों को देखने के लिए आसपास के गांवों से भारी भीड़ जुटी। वहीं राज्यमंत्री असीम अरुण और सांसद सुब्रत पाठक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने परिजनों को सांत्वना दी।
इसके बाद कानपुर के अरौल गंगा घाट पर श्रमिकों का अंतिम संस्कार हुआ। ठठिया थाना क्षेत्र के दन्नापुरवा निवासी रामसागर (50), मुनेश (38), मुनेश का भाई रामबाबू, भोला, मोनू, पिंटू और विनय जम्मू कश्मीर के शोपियां में सेब के बागान में पैकेजिंग और लोडिंग करते थे।
बता दें कि सोमवार रात आतंकियों ने ग्रेनेड फेंक दिया था। इससे रामसागर और मुनेश की मौत हो गई थी। बुधवार सुबह करीब 10 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से प्रशासन दोनों श्रमिकों के शव लेकर गांव पहुंचा। पति रामसागर का शव देखते ही पत्नी मालती देवी बेसुध हो गई। वहीं मुनेश का शव झोपड़ी में पहुंचते ही पत्नी पुष्पा सदमे में आ गई। हर कोई बिलख रहे परिजनों को संभालने में जुटा।
वहीं राज्यमंत्री असीम अरुण ने परिजनों को आश्वासन देते हुए कहा कि दोनों परिवार को दो-दो एकड़ कृषि योग्य जमीन, परिवार के एक-एक व्यक्ति को संविदा पर नौकरी और कम से कम 20-20 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मृतकों के बच्चों को सरकार की ओर से शिक्षा मुहैया कराई जाएगी।