Bettiah, Awadhesh Kumar Sharma : पश्चिम चम्पारण जिला में प्रशांत किशोर की जन सुराज संवाद पदयात्रा का 200 किमी पूर्ण। पहली बार प्रशांत किशोर ने परिवार व घर से दूर पश्चिम चम्पारण जिला के बगहा के पतिलार में दीपावली मनाया। जिसमें उनके सहयोगी, पदयात्री और वहां के लोग शामिल हुए। प्रशांत किशोर ने कहा कि पलायन सबसे बड़ी समस्या है। बिहार की स्वास्थ और शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
प्रशांत किशोर ने 3500 किमी लंबी जन सुराज संवाद पदयात्रा का 200 किमी पूर्ण कर लिया है। इस क्रम में बगहा के पतिलार स्थित पदयात्रा कैंप में उन्होंने मीडियाकर्मियों और उनके सहयोगियों से बातचीत किया।अबतक के पदयात्रा का अनुभव साझा करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि पदयात्रा में प्रतिदिन लगभग 15-20 किलोमीटर पैदल चलते हैं और जब 10-16 पंचायतों का भ्रमण करते हैं। तत्पश्चात एक जगह विश्राम करते है।
जिससे उन पंचायतों में जहां पदयात्रा गुजरी है, वहां की जन समस्याओं पर लोगों से मिलकर, उसे सुन व समझ कर उसका संकलन कर पंचायत आधारित ब्लूप्रिंट बना सकें। पलायन सबसे बड़ी समस्या, शिक्षा, स्वास्थ व्यवस्था और ग्रामीण सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन कर बिना ट्रिब्यूनल बनाए प्रीपेड मीटर जबरन लगाए जा रहे हैं। क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ता बिजली के बिल से परेशान है।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सामने आई समस्याओं का ज़िक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब पदयात्रा गांवों से गुजर रही है तो उन्हें अधिकांश महिलायें, बच्चे और बुजुर्ग ही गांवों में मिलते हैं। यह साफ़ दिखता है कि पलायन ने विकराल रुप ले लिया है। 2005 में पलायन और अपराध की बुनियाद पर भाजपा और जदयू की सरकार बनी। अलबत्ता अपराध का स्वरुप बदल गया, पलायन घटने की जगह 17 वर्ष में बढ़ गया। गांव के 70 प्रतिशत युवा रोज़ी-रोटी की तलाश में बाहर जा चुके हैं। 70 हजार सांख्यिकी स्वयं सेवकों की रोजी सरकार ने छीन लिया।
शिक्षा और स्वास्थ व्यवस्था का उल्लेख करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है, स्कूल की बिल्डिंग, शिक्षक और छात्र तीनों का समायोजन कहीं देखने को नहीं मिलता है। जहां बिल्डिंग है, वहां शिक्षक और छात्र नहीं हैं, जहां छात्र हैं वहां शिक्षक और बिल्डिंग नहीं है।ग्रामीण सड़कों का हाल भी लालू राज जैसा ही है, जैसे ही आप स्टेट और नेशनल हाईवे छोड़ कर ग्रामीण सड़कों पर आएंगे, आपको पता लगेगा की ग्रामीण सड़कों की स्थिति कितनी बेहाल है।
प्रशांत किशोर ने कहा की जल्द हीं वह एक वीडियो भी जारी करेंगे जिसमे 200 किलो मीटर पदयात्रा के दौरान मिली ख़राब सड़कों का हाल दिखाया जायेगा। बिजली बिल की समस्या का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा की बिजली तो पहुंच गई है मगर लोग बिल से परेशान हैं। खुले में शौच की समस्या को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि ओडीएफ केवल कागजों पर हैं, जमीन पर स्थिति इसके ठीक उलट है।
चंपारण में बारिश के पानी से आने वाले बाढ़ का ज़िक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा की बारिश के पानी से खेती का बहुत नुकसान होता है। सरकारी परिभाषा के अनुसार 3 दिन तक अगर पानी रुकता है तो उसे बाढ़ माना जाता है। लोगों ने बताया कि ऐसे 60-62 छोटी नदियां हैं, जिसमें नेपाल से बारिश का पानी आता है और कई गांवों को प्रभावित कर चला जाता है।
पत्थर बालू की समस्या का ज़िक्र करते प्रशांत किशोर ने वन राज्य अधिनियम को लागू नहीं करने या आंशिक रूप से लागू होने से आने वाली परेशानियों का भी ज़िक्र किया। प्रशांत किशोर ने वृद्धा पेंशन के पैसे मिलने में आने वाली चुनौतियों का ज़िक्र किया साथ ही उन्होंने ने दलित और महदलित समाज की बदहाली पर बात करते हुए कहा कि बिहार में दलित-महादलित के नाम पर राजनीति हो रही है, मगर ज़मीनी स्तर पर स्थिति अति दयनीय है।