UNSC की बैठक में विदेश मंत्री बोले- नई तकनीकों पर लगाम जरूरी

दिल्ली

Central Desk : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधक समिति की विशेष बैठक का आज दूसरा दिन है. दिल्ली के ताज पैलेस में यह बैठक जारी है. इस दौरान विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने आज फिर आतंकवाद को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. उनका कहना है कि हाल के सालों में आतंकवादी समूहों ने विशेष रूप से खुले और उदार समाजों में तकनीक तक पहुंच प्राप्त करके अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है.

जयशंकर ने कहा, “आतंकवादी स्वतंत्रता, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए खुले समाज की तकनीक, धन और लोकाचार का उपयोग करते हैं. समाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से प्रचार, कट्टरता और षड्यंत्र के सिद्धांतों को फैलाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों के टूलकिट में शक्तिशाली उपकरण बन गए हैं.”

उन्होंने कहा कि सीटीसी की इस विशेष बैठक के लिए आज दिल्ली में आप सबकी उपस्थिति यहां पर हुई है, जोकि UNSC के सदस्य, सदस्य देशों के आतंकवाद के महत्वपूर्ण और उभरते हुए पहलूओं पर ध्यान केंद्रीत करने को दर्शाती है. आतंकवाद मानवता के ऊपर सबसे बड़े ख़तरों में से एक है. UNSC ने पिछले 2 दशकों मेंआतंकवाद जैसे ख़तरे से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित एक महत्वपूर्ण वास्तुकला विकसित की है.

जयशंकर ने कहा कि भारत का अपना अनुभव बताता है कि 2008 के मुंबई आतंकी गुटों ने हमले में VOIP तकनीक का इस्तेमाल किया गया. वहीं, हाल के दिनों में यह आतंकी गुट सीमा पार से ड्रग्स, हथियार भेजने और आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए ड्रोन, क्वाडकॉप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

नई तकनीकों के आतंकी इस्तेमाल को रोकने के लिए जल्द कदम उठाएं जाने की जरूरत है. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का आतंकवाद निरोधक तंत्र को मजबूत करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत इसके लिए अपनी तरफ से UN Fund में 5 लाख डॉलर की आर्थिक योगदान राशि देने का एलान करता है.