Purnia, Rajesh Kumar Jha: लोक आस्था के इस महान पर्व में लोगों की ऐसी आस्था पुरे ब्रह्माण्ड में नही देखी गई है.यह एक ऐसा पर्व है जिसमे डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है.आस्था का ऐसा पर्व जहाँ भगवान भास्कर के साक्षात दर्शन होते है.जिला प्रशासन की अभूतपूर्व व्यवस्थाओं के बीच लगभग 06 लाख श्रद्धालुओं ने पूर्णिया जिले के विभिन्न घाटों पर भगवान भास्कर को ‘संध्या अर्घ्य’ दिया.पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के सभी घाटों में तकरीबन 02 लाख लोगों ने भगवान भास्कर को संध्या अर्घ्य दिया.
छठ मैया की महिमा”
गौरतलब है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी की तिथि तक भगवान सूर्यदेव की अटल आस्था का पर्व छठ पूजा मनाया जाता है.नहाय खाय के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो जाती है.चार दिन तक चलने वाले इस आस्था के महापर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है. इसके महत्व का इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इसमें किसी गलती के लिए कोई जगह नहीं होती. इसलिए शुद्धता और सफाई के साथ तन और मन से भी इस पर्व में जबरदस्त शुद्धता का ख्याल रखा जाता है.
श्रद्धालुओं ने प्रशासनिक व्यवस्था की मुक्त कंठ से की प्रशंसा.पूर्णिया के डीएम सुहर्ष भगत ने नगर निगम आयुक्त आरिफ हसन के साथ बैठक कर पदाधिकारियों को कई निर्देश दिए.डीएम संध्या अर्घ्य के उपरांत सभी घाटों की समुचित साफ-सफाई के निर्देश दिए.इसके साथ ही घाटों का सुदृढ़ीकरण रात में ही सुनिश्चित करने को भी कहा है.ताकि प्रातःकालीन अर्घ्य के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो,डीएम ने सभी दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को रात 2.00 बजे से पुनः अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है. जिन घाटों पर श्रद्धालु रात में रुकते हैं उन घाटों के दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को घाट पर ही बने रहने को कहा गया है.
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