KANPUR : तेंदुआ और फॉरेस्ट टीम का हुआ आमना-सामना, गांड़ियों की आवाज और तेज रोशनी देख भाग निकला

कानपुर

ADARSH : कानपुर के नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट (NSI) में फॉरेस्ट टीम और तेंदुआ का आमने-सामने हुआ है। गांड़ियों की आवाज और तेज रोशनी देखकर तेंदुआ तेजी से सड़क पार करते हुए भाग निकला। शहर में 50 मिनट के अंदर IIT कानपुर और NSI में तेंदुए के दिखाई देने से लोगों डर का माहौल है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि एक से अधिक तेंदुए हो सकते हैं। DFO श्रद्धा यादव ने कहा कि दोनों ही संस्थानों में तेंदुआ होने की पुष्टि की हुई है। पहले वन विभाग इसे इनकार कर रहा था।

IIT में शनिवार रात एक बजे से सुबह तीन बजे तक 3 बार तेंदुआ दिखाई दिया। तेंदुआ IIT के बाद नेशनल शुगर इंस्टीट्यूट में भी देखा गया। इसके बाद यहां भी दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं IIT में भी अलर्ट बना हुआ है। वही, बीते 4 दिनों से तेंदुआ खुलेआम घूम रहा है। वन विभाग की टीम तेंदुआ को पकड़ने के लिए जाल बिछाकर सिर्फ इंतजार कर रही है।

DFO श्रद्धा यादव ने बताया कि IIT कैंपस में शनिवार रात एक बजे के लगभग तेदुएं को केंद्रीय ‌‌‌विद्यालय के पास देखा। इसके बाद ट्रेंकुलाइजर गन के साथ मुस्तैद टीम को एक बार फिर झाड़ियों में तेंदुआ दिखा। मगर, इस बार टीम उस पर निशाना साध पाती इससे पहले सामने से आती गाड़ी की आवाज सुनकर तेंदुआ भाग निकला।

शुक्रवार देर रात तेंदुआ NSI डायरेक्टर प्रो. नरेंद्र मोहन के आवास के पास बने लॉन से गुजरा, तो वहां तैनात गार्ड ने देख लिया था। इसके बाद शनिवार की सुबह ही गार्ड ने डायरेक्टर को सूचना दी। डायरेक्टर ने तत्काल वन विभाग और जू के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। टीमों ने एनएसआई कैंपस में अपना जाल बिछा दिया है।

गाड़ियों की आवाज और तेज रोशनी देखकर तेंदुआ तेजी से सड़क पार करते हुए भाग निकला। रेंजर ट्रेंकुलाइजर गन से तेंदुए पर निशान साध पाते इससे पहले वो भाग गया। इसके बाद एक बार फिर तेंदुआ IIT कैंपस में खाली पड़े गैस गोदाम और उससे कुछ दूरी पर स्थित ट्यूबवेल के खंडहर की तरफ जाता दिखाई दिया। लेकिन टीम उस पर निशाना नहीं साध पाई।

NSI के सुरक्षा अधिकारी डॉ सुधांशु मोहन ने बताया कि जंगल में जिस स्थान पर तेंदुआ है। वहां से बाउंड्री चंद मीटर की दूरी पर है। इसके बाद कर्मचारियों के आवास बने हुए हैं। आवासों के पीछे की तरफ संस्थान की मुख्य दीवार है और उसके पीछे बैरी गांव स्थित है।

डॉ. मोहन ने बताया कि इस समय संस्थान के सभी हॉस्टल खाली हैं और पढ़ाई नहीं हो रही है। फिलहाल देर रात से ही सभी गार्ड वन विभाग की टीम के साथ कॉम्बिंग में जुटे हुए हैं और आवासों में रहने वाले कर्मचारी व उनके परिवारों को भी अलर्ट कर दिया गया है।