DESK : कथा वाचक पंडित देवकीनंदन ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि वर्षों के इंतजार के बाद यह स्वर्णिम समय आया है जब सनातन धर्म को उसका वास्तविक मान सम्मान देश में राजनैतिक स्तर से भी दिया जा रहा है। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी लेकर रहेंगे।
ज्ञानवापी में शिवलिंग आकृति और सनातन धर्म के चिन्ह स्पष्ट हैं। यह पहले से ही सिद्ध है कि ज्ञानवापी की सम्पूर्ण भूमि शिव मंदिर परिसर है। फिर भी हिंदु समाज कानून के रास्ते अपना हक पाना चाहता है। क्योंकि सनातन धर्म में शांति का मार्ग पहली प्राथमिकता है।
देवकी नंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि हिंदू समाज हमेशा भाईचारे की बात करता है। लेकिन उसके लिए दिनों पक्षों की पहल जरूरी है। अकेले भाईचारा नहीं निभता। मुस्लिम धर्मगुरु भी जानते हैं कि अयोध्या में राम आए और मथुरा में कृष्ण प्रकट हुए लेकिन फिर भी वे अपने समाज को सही दिशा नहीं दिखाते। अगर वे सकारात्मक भूमिका निभाएं और मथुरा अयोध्या काशी में हिंदू मंदिर निर्माण में सहयोग करें तो दोनों समाज का कल्याण होगा।
उन्होंने कहा कि देश को तत्काल हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो देश को किसी बड़ी विपत्ति का सामना करना पड़ सकता है। स्वरूप नगर में पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा कि यदि सदन में सही संख्या में धर्माचार्य होते तो लिव इन रिलेशन जैसे कानून पास नहीं हो सकते थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सनातन संस्कृति की रक्षा करने वाली सरकार है लेकिन मैं किसी एक दल का प्रचारक नहीं हूं। हमारे सामने राहुल गांधी, केजरीवाल और मायावती सभी समान हैं। प्रत्येक दल को अपने को मजबूत करने का अधिकार है, फिर जनता तय करेगी कि कौन मजबूत है, कौन नहीं।