Kanpur, Beforeprint : 12वीं के छात्र रोनित का अपहरण के बाद हत्या की गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर 10 चोट के निशान मिले हैं। संघर्ष के बाद हत्यारे ने रोनित को मारने के लिए उसके गले में बंधी हुई टाई का ही इस्तेमाल किया गया।
फिलहाल अभी यह सवाल उठता है कि एक छात्र को भला कोई क्यों मारेगा और फिरौती का फोन परिवार के पास आया नहीं। माना जा रहा है कि रोनित का किसी से विवाद हुआ होगा। जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से 6 संदिग्धों को उठाया है। पुलिस के मुताबिक घटनास्थल पर बीयर की बोतलें, सिगरेट के फिल्टर और नमकीन के पैकेट मिले हैं। हो सकता है छात्र अपने पहचान के लोगों के साथ यहां आया और किसी बात को लेकर झगड़ा और हत्या कर दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे ट्रैक किनारे सन्नाटा होने के कारण आस-पास के स्कूलों के छात्र यहां आकर सिगरेट पीते हैं।
रोनित के पिता के मुताबिक स्कूल, घर और घटनास्थल की दूरी 2 किमी. से अधिक नहीं है। घर से स्कूल की दूरी करीब डेढ़ किमी. है। स्कूल से घटनास्थल की दूरी करीब 1 किमी. है। पिता का कहना है कि रोनित को कहीं और मारा गया, जंगल में लाकर सिर्फ फेंक दिया गया है। बॉडी अगर रात से पड़ी थी तो कपड़े भींगे या बॉडी पर मिट्टी लगी होनी चाहिए थे। जूते तक में मिट्टी नहीं लगी थी। ACP कैंट मृगांक शेखर पाठक ने बताया कि छात्र CCTV फुटेज में स्कूल से पीएसी मोड़ की ओर जाते हुए दिखाई दिया है। उसके आगे लगे कैमरों की फुटेज नहीं मिलने के कारण अभी तक इस बात की जानकारी नहीं हो सकी कि छात्र किस रास्ते से घटनास्थल तक पहुंचा है। फिलहाल कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। रोनित जब लापता हुआ तो उसने स्कूल की ड्रेस पहन रखी थी। उसका बैग भी उसके साथ था। मंगलवार सुबह लगभग साढ़े सात बजे कैंट एरिया के जंगल में शौच के लिए गए लोगों ने रोनित का शव देखा। उन्होंने स्कूल की ड्रेस को पहचानने के बाद स्कूल में फोन कर जानकारी दी।
ACP कैंट ने बताया कि जांच में ये भी सामने आया है कि छात्र घंटाघर पर मंगलवार की रात चाय पीने गया था। चाय वाले से पूछताछ की गई तो उसने एक छात्र के चाय पीने आने की पुष्टि की है, लेकिन रोनित वही छात्र था, इसकी पुष्टि नहीं कर सका। वहीं पुलिस ने घंटाघर के आसपास के सीसीटीवी भी खंगालना शुरू कर दिए हैं। संजय सरकार ने बताया कि 2 साल पहले ही वे श्याम नगर स्थित फ्लैट नम्बर-106 दिव्य धाम अपार्टमेंट डी ब्लॉक में शिफ्ट हुए हैं। इससे पहले वे अर्मापुर में रहते थे। संजय के पिता फील्डगन फैक्ट्री में ही काम करते थे। उनके रिटायर होने के बाद संजय अपने परिवार के साथ यहां शिफ्ट हुए थे। ACP कैंट मृगांक शेखर पाठक से आक्रोशित परिजनों ने श्याम नगर चौकी प्रभारी धर्मेंद्र सिंह की शिकायत की। उन पर लापरवाही का आरोप लगाया। अधिकारी ने परिजनों ने जल्द गिरफ्तारी की आश्वासन देकर शांत कराया।