- गत 24 अगस्त को हटवाया गया था अतिक्रमण।
- कार्यवाही के समय मौजूद नहीं था लोकनिर्माण विभाग।
- नगर प्रशासन की गुण्डागर्दी पर लगी मोहर।
- अतिक्रमण हटाते समय निर्देश हुये चिन्धी -चिन्धी।
- न्यायालय जाएंगे पटरी दुकानदार।
Unnao, Ashok Tripathi : अगस्त माह में हुई अतिक्रमण सम्बंधी कार्यवाही का लोक निर्माण विभाग से दूर तक कोई वास्ता नहीं हैं।यह हम नहीं कह रहे आर टी आई के तहत मांगी गई सूचना में खुलाशा हुआ है। जाहिर है नगर प्रशासन ने सम्पूर्ण कार्यवाही दबाव में की या यह कहिए किसी खास को खुश करने के लिए नियमों को चिन्धी कर दिया। प्रेस के सवालों के जबाब में अधिशाषी अधिकारी केएन पाठक ने स्वीकार किया था कि कार्यवाही में लोकनिर्माण विभाग शामिल था।
24 अगस्त 22 को सुबह 8 बजे नगर प्रशासन के अधिशाषी अधिकारी केएन पाठक,तहसील दार विराग कावरिया,कोतवाल चंद्रकांत सिंह,एसडीएम अजीत जायसवाल व तमाम पुलिस कर्मी अतिक्रमण कार्यवाही में शामिल थे। चूंकि कार्यवाही पूरी तरह द्वेषपूर्ण थी और किसी के इशारे पर की जा रही थी जिसमें कुछ चिन्हित दुकानदारों को उजाड़ दिया गया।
लाखों रुपये का नुकसान हुआ।कार्यवाही की जद में ज्यादातर पटरी दुकानदार ही आये इनमें कुछ तो ऐसे थे जो ऋण लेकर रोजी रोटी चला रहे थे।इन्हीं में प्रशांत द्विवेदी पुत्र विनोद कुमार द्विवेदी दीवानी कचहरी के पास सहज जन सेवा केंद्र के जरिये अपना परिवार चला रहे थे।इन्ही के आसपास कई अधिवक्ताओं के बस्ते भी थे। उल्लेखनीय है कि प्रान्तीय लोक निर्माण विभाग ने रोड साइड कंट्रोल एक्ट के तहत सड़क के मध्य रेखा से 60-60 फुट सड़क भूमि होने का दावा किया है मगर प्रशांत द्विवेदी का सहज जन सेवा केंद्र मध्य रेखा से 67 फुट दूर था बावजूद नगर प्रशासन ने मनमानी की सारी सीमाएं तोड़ दी बिना नाप किये व लोकनिर्माण विभाग को साथ लिए पटरी दुकानदारों को उजाड़ दिया।इससे भी आगे यह कि ईओ केएन पाठक ने पत्रकारों के सवाल का जबाब देते हुए कहा था कार्यवाही में लोकनिर्माण भी था।ईओ का झूठ बेनकाब हो चुका है।
लोक निर्माण विभाग के पत्र ने खोल दी पोल।
नगर प्रशासन की मनमानी का पुख्ता प्रमाण लोकनिर्माण विभाग के पत्र संख्या 2603/एम -64 से उजागर हो गया है इस सम्बंध में पीड़ित प्रशांत द्विवेदी का कहना है कि अतिक्रमण हटाते वक्त नगर प्रशासन ने 2 लाख का नुकसान किया था हमारा लैप टाप प्रिंटर व अन्य कीमती सामान ईओ ने लूट लिया। पीड़ित द्विवेदी का कहना है कि वह उच्च न्यायालय के अधिवक्ता से सलाह बाद अधिशाषी अधिकारी सहित जिम्मेदारों के विरुद्ध न्यायलय में वाद दायर करेगा।
ईओ सहित अन्य सम्बन्धित के विरुद्ध भी दायर होगा वाद।
लोकनिर्माण विभाग के जबाब बाद नगर प्रशासन के विरुद्ध न्यायालय जाने का रास्ता साफ हो चुका है।प्रशांत द्विवेदी के अलावां कई अधिवक्ता भी वाद दायर करने की तैयारी में हैं।इस सम्बंध में अधिवक्ता नरेंद्र कुमार नीरज का कहना है कि हमें लोकनिर्माण के जबाब का इंतजार था ईओ के एन पाठक सहित अन्य सम्बन्धित के विरुद्ध वाद दायर करूँगा।
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