Patna, Beforeprint : मुजफ्फरपुर की कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव 5 दिसंबर को होगा और 8 दिसंबर को काउंटिग। कुढ़नी से विधायक रहे राजद नेता अनिल सहनी ने उपचुनाव के ऐलान पर ऐतराज जताया है। कहा है कि 5 दिसंबर से पहले ही वो दिल्ली हाईकोर्ट में मेंशनिंग में जाएंगे।
अनिल सहनी को एलटीसी घोटाले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया है। अनिल सहनी ने शुक्रवार को ही मुजफ्फरपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे कागजातों सहित इसकी जानकारी दी थी। अनिल सहनी ने बताया कि मैंने कोर्ट के आदेश की कॉपी बिहार विधानसभा अध्यक्ष को दे दी है। अब विधानसभा की तरफ से चुनाव आयोग को कोर्ट का आदेश भेजा जाएगा। कहा कि सोमवार को हम भी कोर्ट के आदेश की कॉपी चुनाव आयोग के पटना कार्यालय को देंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट से स्टे मिलने के बाद राजद के पूर्व विधायक अनिल सहनी ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की थी। उन्हें कोर्ट के फैसले से अवगत भी कराया था। विधानसभा अध्यक्ष को दिए ज्ञापन में अनिल सहनी ने गुहार लगाई थी कि निचली अदालत के फैसले के निलंबन तक उन्हें विधायक का दर्जा दिया जाए। जब कांग्रेस की सरकार थी तो उसका तोता और जब भाजपा की सरकार है इसका तोता। सोची-समझी साजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है। मैं राजद और महागठबंधन का स्टार प्रचारक रहा हूं। महुआ और राघोपुर में जब मैं भाजपा के करतूतों का पर्दाफाश कर रहा था। तभी खबर मिली कि सीबीआई ने चार्जशीट कर दिया है। ये सब एक साजिश के तहत किया गया था।
सहनी ने यह भी कहा कि अगर सीबीआई साबित कर दे कि घोटाला का रुपया मेरे पास आया तो हम राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इसके अलावा हम जेल में उम्र भर सड़ने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया और भाजपा के लोगों को क्लीन चिट दे दिया गया। जबकि सबसे बड़े गुनहगार वही लोग थे। ये सब मिलकर एक रैकेट चलाते थे, जिसका मैने पर्दाफाश किया था। लेकिन, मुझे ही मुख्य आरोपी साबित कर दिया गया।
एलटीसी घोटाले के मामले में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी से विधायक अनिल सहनी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। विधायक के खिलाफ 23.71 लाख की धोखाधड़ी का मामला है। 21 अक्टूबर 2013 को सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। उन पर दो लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। सीबीआई ने सरकार को धोखा देने और जाली हवाई टिकट और बोर्डिंग पास के आधार पर राज्यसभा सचिवालय से प्रतिपूर्ति का दावा करने के आरोप में अनिल सहनी और अन्य आरोपितों के खिलाफ 2013 में मामला दर्ज किया था। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी।