Adarsh : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी में डेंगू मच्छरों के बढ़ते प्रकोप पर राज्य सरकार और नगर निगम की ओर से उठाए कदमों को नाकाफी बताते हुए मच्छरों की समस्या के समाधान की कार्ययोजना पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 नवम्बर की तिथि तय की है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार और नगर निगम से कहा है कि मच्छरों की समस्या पर शहर में किस प्रकार लगाम लगाई जाए इस संबंध में योजना का प्लान बनाकर अवगत कराएं। कोर्ट ने नगम निगम से कहा कि वह फॉगिंग तेजी लाए। इसमें सामुदायिक सहयोग का ध्यान रखे, ताकि सही जगह फॉगिंग की जा सके।
आशीष मिश्रा और अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने सरकार और नगर निगम से वेक्टर-जनित रोगों की रोकथाम के प्रयासों का हलफनामा मांगा था। आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अमिताभ राय और नगर निगम के अधिवक्ता नमित शर्मा ने हलफनामे पेश किये। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि कागजों के साथ-साथ जमीन पर भी काम होता दिखे, फॉगिंग के नाम पर केवल औपचारिकता न हो।
कानपुर में डेंगू बेकाबू, 38 नए मरीज :
कानपुर में डेंगू बेकाबू हो रहा है। दो मासूम समेत बुधवार को 38 नए मरीज मिले। वहीं हैलट और उर्सला समेत निजी अस्पतालों में वायरल और डेंगू मरीजों की भरमार है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उर्सला अस्पताल में 91 सैम्पल में 31 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। यहां डेंगू का पॉजिटिविटी रेट 34 फीसदी पार कर गया है। साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की रिपोर्ट में 86 सैम्पल में सात को डेंगू हुआ है। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या 603 पार कर गई है।
डेंगू ने बच्चों को भी घेरना शुरू कर दिया है। बुधवार को दीक्षा (2) और बृजेश (5) को तबीयत बिगड़ने पर उर्सला में भर्ती किया गया है। इस बीच वायरल और डेंगू के लक्षणों पर हैलट में 24 घंटे में 69 व उर्सला में 11 मरीज भर्ती किए गए हैं। एसीएमओ डॉ.आरएन सिंह का कहना है कि डेंगू के मरीज अब शहर के हर इलाके में मिल रहे हैं। इसे तभी हैवी फागिंंग से ही कंट्रोल किया जा सकता है।