Buxar: डुमरांव में अब तक डेंगू से प्रभावित दो रोगियों की हुई मौंत पर सामाजिक मंच ने आक्रोश व्यक्त किया

बक्सर

समाजिक मंच नें नगर में डेंगू से दो की मौंत व एक दर्जन लोगों के प्रभावित रहने का पत्रकारो के समक्ष दावा किया। अस्पताल प्रबंधन पर जांच व ईलाज में लगाया मनमानी का आरोप।

Buxar, Before Print: डुमरांव की चिकित्सा व्यवस्था बिल्कुल चरमरा सी गई है। अनुमंडल अस्पताल में डेंगू से प्रभावित रोगियों के ईलाज व जांच की समुचित व्यवस्था नही है। अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक डेंगू की जांच करने की जगह प्रभावित रोगियों को रेफर कर अपने दायित्व से मुक्ति पा लेते है। उक्त बातें स्वास्थ विभाग पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए सामाजिक मंच, डुमरांव के संयोजक ने अपने सहयोगी सदस्यों के साथ सोमवार को नगर के ठठेरी बाजार के एक भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। सामाजिक मंच के संयोजक श्री शरण नें दावा के साथ कहा कि नगर परिषद के डेंगू प्रभावित अवकाश प्राप्त कर्मचारी बिहारी सिंह यादव के पुत्र अजय कुमार यादव का ईलाज अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता व टाल मटोल रवैया के चलते बाहर कराना पड़ा। डेंगू प्रंभावित रोगी अजय कुमार यादव का बगैर जांच किए रेफर कर दिया गया।

बाद में डेंगू प्रभावित युवक की प्राईवेट में ईलाज के दरम्यान मौंत हो गई। उन्होनें बताया कि युवक श्री यादव की मौंत का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि दुसरा नगर के छठिया पोखरा निवासी भरत प्रसाद डेंगू से प्रभावित होकर असमय काल के गाल में समा गया। उन्होनें स्थानीय नगर में एक दर्जन लोगों के डेंगू से प्रभावित रहने संबधी जांच रिर्पोट का हवाला देते हुए कहा कि बावजूद नगर परिषद प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग की नींद नहीं खुल सकी है। अस्पताल प्रबंधन सहित सिवील सर्जन डेंगू रोग से अभी तक अनभिज्ञ बने हुए है।

सामाजिक मंच के सक्रिय सदस्य अधिवक्ता सह पूर्व पार्षद सुनिल कुमार तिवारी नें बताया कि स्वास्थ विभाग व नगर परिषद प्रशासन डेंगू से बचाव को लेकर ईश्तेहार के माध्यम से नागरिको को सर्तकता बरतने का संदेश देने का काम किया है। पर नगर के कई भागों मे उभर आए गडढ़े के बीच जमा गंदे पानी की सफाई, उपरी ढ़क्कन से पटे केन्द्रीय नाला की सफाई एवं डेंगू की रोक थाम को लेकर कीट नाशक दवा का समुचित छीड़काव करा पाने में अब तक विफल है। डेंगू रोग से प्रभावित होकर असमय मौंत के शिकार मृत युवक के पिता बिहारी यादव ने नम आंखो से कहा कि अगर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक गंभीरता के साथ उनके बेटा का ईलाज करने में दिलचस्पी लिए होते शायद बेटे की मौंत नहीं होती।

नम आंखो से श्री यादव ने कहा कि ईलाज के लिए पंहुचे बेटे का डेंगू का बगैर जांच किए रेफर कर दिया गया। मौंके पर महेन्द्र प्रसाद सिंह एवं बिनोद कुमार भी मौजूद थे। हाला कि सामाजिक मंच द्वारा लगाए गए आरोप, डेंगू से मरीज की मौंत व डेंगू से प्रभावित रोगियों के पाए जाने के बावत अस्पताल के उपाधीक्षक डा.गिरीश सिंह से वार्तालाप नहीं हो सकी है। और न तो उनका पक्ष लिया जा सका है।