Biharsharif/Avinash pandey: बिचाली व्यवसाय से जुड़े इच्छुक व्यवसायियों, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम तथा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना आदि के तहत बैंकों के माध्यम से वित्त पोषण के अद्यतन स्थिति की उप विकास आयुक्त द्वारा समीक्षा की गई। हरदेव भवन सभागार में आहूत बैठक में विभिन्न बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधक व बैंक प्रतिनिधियों को इन सभी योजनाओं के तहत वित्त पोषण के लिए बैंकों को समर्पित किए गए आवेदनों के अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए लंबित आवेदनों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया। बिचाली व्यवसाय से जुड़े 120 आवेदनों में से अभी तक बैंकों द्वारा 37 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं तथा 28 आवेदन अस्वीकृत किया गया। अभी भी बैंक के पास 55 आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया के लिए लंबित हैं। इन आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश संबंधित बैंक के प्रतिनिधियों को दिया गया। स्वीकृति प्राप्त आवेदकों को अविलंब ऋण की राशि का भुगतान करने का निदेश बैंकर्स को दिया गया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों को 765 आवेदन भेजे गए जिनमें से 150 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं।
विभिन्न कारणों से 506 आवेदन बैंकों द्वारा वापस किए गए हैं। वर्तमान में बैंक के पास 119 आवेदन लंबित हैं। इन सभी लंबित आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया।
आवेदक/लाभार्थी तथा बैंकों के बीच सहयोग एवं समन्वय के लिए विभिन्न उद्योग विस्तार पदाधिकारियों को अलग-अलग प्रखंडों के लिए जिम्मेवारी दी गई है। बैंकों को अपने स्तर से भी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत आवेदन सृजित करने को कहा गया। इस योजना के तहत प्राप्त आवेदनों में से सर्वाधिक आवेदन केनरा बैंक (लगभग 93%)तथा बैंक ऑफ बड़ौदा (लगभग 82%) द्वारा वापस किया गया है। संबंधित बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधकों को बैंक की शाखावार वापस किए गए आवेदनों की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एफपीओ, स्वयं सहायता समूह एवं सहकारिता द्वारा बैंक क्रेडिट के लिए पहुंच क्षमता को बढ़ाकर सूक्ष्म उद्यमों की क्षमता निर्माण करना है। इस योजना के तहत विभिन्न बैंकों को 72 आवेदन भेजे गए हैं।
सभी बैंकों को भेजे गए आवेदनों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा गया। जिला में कृषि, जीविका, पशुपालन, गव्य विकास तथा जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से क्रियाशील उद्यमियों तथा संभावना पूर्ण उद्यमियों को अलग-अलग श्रेणियों में सूचीबद्ध किया जा रहा है। इन उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने या उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए बैंकों के माध्यम से आवश्यक क्रेडिट लिंकेज के लिए कार्रवाई की जाएगी। इसकी जानकारी सभी बैंक के प्रतिनिधियों को भी दी गई। यह सूची बैंक के प्रतिनिधियों के साथ भी साझा किया जाएगा ताकि उनके स्तर से भी प्रगतिशील एवं संभावना पूर्ण उद्यमियों को आवश्यक क्रेडिट लिंकेज की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक माह में कम से कम एक क्रेडिट कैंप के साथ उद्यमिता जागरूकता शिविर का आयोजन नियमित रूप से कराने पर विशेष बल दिया गया। बैठक में विभिन्न बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधक, बैंक प्रतिनिधि, जिला अग्रणी प्रबंधक, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।